भाजपा समर्थक तो एग्जिटपोल के नतीजों के बाद से केंद्र में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने की एक दूसरे को बधाई देकर जश्न भी बनाना शुरू कर दिया है। वहीं कांग्रेस समर्थको के चेहरों की नसे तनी हुई है। फिर भी वे यह कहकर एग्जिट पोल को नकार रहे हैं कि अगर एग्जिट पोल एग्जिट होता तो आज प्रदेश में भाजपा की सरकार होती।
उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी एग्जिट पोल की पोल खुल जाएगी। इसके अलावा राजनीति से दूर रहने वाले भी लोग उत्साहित नजर आ रहे है। शहर हो या गांव, यात्री ट्रेन, हो या बस, पान ठेला और होटल से लेकर सभी चौक चौराहो पर बस एक ही चर्चा हो रही है कि क्षेत्र से सांसद कौन बनेगा।
यह कहा जाए कि सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कौन जीतेगा। ज्यादातर लोगों की जुबान से एक ही बात निकलती है। एक बार फिर से मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं आम नागरिक समय मिलते ही पक्ष विपक्ष में बटकर आपस में ही बहस शुरू कर देते है। ज्यादातर लोग आपस में जमकर माथा पच्ची करते हैं और अपने अपने तर्क देकर हार जीत की बात करते हैं।
दोनों दल के नेता कर रहे हैं जीत का दावा
रायपुर लोकसभा चुनाव में कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका फैसला गिनती से पूर्व दोनों पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों द्वारा करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा, अजिते शर्मा, प्रकाश मेघानी का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी रायपुर के मेयर प्रमोद दुबे के पक्ष में मतदाताओं ने अधिक मतदान किया है। इसलिए प्रमोद दुबे की बहुमत के साथ जीत होगी।
दूसरी तरफ भाजपा की जिला उपाध्यक्ष सुमन गोस्वामी, भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व शहर अध्यक्ष विकास कोटवानी, पवन अग्रवाल का कहना है कि मतदाताओं को मतदान केंद्र तक कोई भी लाया हो लेकिन मतदाताओं ने ईवीएम का बटन मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कमल निशान का दबाया है। इसीलिए भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी की जीत पक्की है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि सुनील सोनी 1 लाख से भी अधिक वोटों से जीतेंगे।
जीत हार पर करोड़ों का सट्टा
23 मई का काम शुरू हो चुका है और अब तो नंबर ही सारे रास्ते खोलेगा और जब नंबर बोलेगा सारी तस्वीर सामने आ जाएगी। अब देखना यह है कि इस बार किसका दावा सही बैठता है। परिणाम को सट्टा बाजार काफ ी गर्म है। लोग जीत हार पर करोड़ों का सट्टा लगा चुके है। और अभी भी लगा रहे हैं। एग्जिट पोल में भले ही भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलना बताया जा रहा है लेकिन सट्टा बाजार भाजपा को अकेले बहुमत से 15 सीट दूर रखकर 257 सीट दे रहा हैं।
उसके अलावा अलग-अलग प्रदेशों की सीटों पर अलग से सट्टा लगा रहे हैं। सट्टा बाजार में इस बात पर भी लोग सट्टा लगा रहे हैं कि प्रधानमंत्री पिछले चुनाव से अधिक वोटों से जीतेंगे या फि र उसे कम वोट मिलेंगे। दिल्ली में आप पार्टी इस बार लोकसभा में जीत का खाता खुल पाएगी या नहीं, पंजाब में पिछले बार के रिकॉर्ड को दोहरा पाएगी कि या नहीं इस पर भी लाखों रुपए का सट्टा खेला गया है। इसी तरह सट्टा बाजार छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 6 से 8 सीट दे रहे हैं। इन सीटों का सट्टा बाजार में भाव बराबर का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, नितिन गडकरी, की जीत एक तरफा होने के कारण सट्टा बाजार में इनका रेट नहीं के बराबर है। इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राहुल गांधी को केरल से जीतना माना जा रहा है। हालांकि सट्टा बाजार में अमेठी सीट पर भी राहुल गांधी की जीत को मजबूत बता कर 40 पैसे का भाव तय कर रखा है। जबकि सट्टे की ओपन बाजार में राहुल और स्मृति के बीच कड़ी टक्कर बताई गई है और रेट बराबर का दिया जा रहा है।