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आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन पकाने लकड़ी ही सहारा, धुएं के बीच पढ़ाई करने पर मजबूर बच्चे

locationबलोदा बाज़ारPublished: Sep 03, 2018 05:33:23 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

आंगनबाड़ी केंद्र गैस सिलेंडर के लिए तरस रहे हैं। यहां पढऩे वाले बच्चों को चूल्हे के धुएं के बीच पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन पकाने लकड़ी ही सहारा, धुएं के बीच पढ़ाई करने पर मजबूर बच्चे

खरोरा. एक तरफ शासन धुआं मुक्त रसोई बनाने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को 200 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर व चूल्हा दे रही है। वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केंद्र गैस सिलेंडर के लिए तरस रहे हैं। यहां पढऩे वाले बच्चों को चूल्हे के धुएं के बीच पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

ग्राम देवरतिल्दा विकासखंड आरंग जिला रायपुर के आंगनबाड़ी भवन का निर्माण शासन द्वारा लाखों रुपए के मद से तो बनाया गया, लेकिन सुविधाएं आज भी बाबा आदम जमाने की दी जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्र की संचालिका से जब इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने मेन्यू के मुताबिक बच्चों को भोजन देने की बात कही। जब उसने भोजन पकाने की व्यवस्था के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरपंच के द्वारा लकड़ी की व्यवस्था कराई जाती है।

आंगनबाड़ी के अंदर ही एक कमरे में चूल्हे पर भोजन पकाया जाता है। इससे साफ है, कि आंगनबाड़ी के अंदर यदि चूल्हा चलेगा तो उससे निकलने वाले धुंए से प्राथमिक शिक्षा लेने पहुंचने वाले नौनिहालों की सेहत पर क्या असर पड़ता होगा। सरकार गरीब परिवारों को गैस चूल्हा व सिलेंडर देने के दावे तो कर रही है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में अभी भी चुल्हे का सहारा लिया जा रहा है।

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