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ऐसा क्या हो गया कि यहां के ग्रामीणों ने अधिकारियों को दे दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

locationबालोदPublished: Sep 23, 2018 12:07:51 am

chhattisgarhजिले के ग्राम पंचायत सिवनी के आश्रित ग्राम औंराभाठा के ग्रामीणों ने गांव को अब तक राजस्व ग्राम नहीं बनाने से नाराज हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है।

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ऐसा क्या हो गया कि यहां के ग्रामीणों ने अधिकारियों को दे दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

बालोद. जिले के ग्राम पंचायत सिवनी के आश्रित ग्राम औंराभाठा के ग्रामीणों ने गांव को अब तक राजस्व ग्राम नहीं बनाने से नाराज हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है। इस खबर के बाद शनिवार को सिंचाई और राजस्व विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे। उन्होंने चुनाव का बहिष्कार नहीं करने की अपील की है। ग्रामीणों ने उनकी अपील को नजरअंदाज कर साफ कहा कि शासन-प्रशासन सिंचाई ग्राम से राजस्व ग्राम नहीं बना देते, तब तक एक भी मतदाता वोट नहीं डालेगा। पूरा गांव चुनाव का बहिष्कार करेगा। साथ ही चुनाव प्रचार में आने वाले भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों को काले झंडे दिखाकर भगा देंगे। ग्रामीणों के इस निर्णय से राजस्व अमला सहमा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व गांव बना दो तो हम चुनाव का बहिष्कार नहीं करेंगे।

हर चुनाव को होगा बहिष्कार
ग्रामीण ग्राम पटेल झाड़ूराम ने कहा कि गांव को यहां बसे 100 साल हो गए पर इस गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिया गया। नतीजा यह है कि ग्रामीणों को कई शासकीय योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल पाता। दरअसल ग्रामीणों ने मिलकर निर्णय लिया है कि गांव राजस्व ग्राम नहीं बनता तब तक तो हर चुनाव का बहिष्कार करेंगे जिसकी सूचना कलक्टर को दे दी गई है। शनिवार को नायब तहसीलदार, पटवारी, सिंचाई विभाग की टीम गांव पहुंची। ग्रामीणों से मिले और कहा कि गांव को राजस्व ग्राम बनाने पहल की जा रही है। चुनाव का बहिष्कार न करे।

एक दिन में नोट बदल सकता है तो राजस्व ग्राम क्यों नहीं बन सकता
ग्रामीण महिलाओं ने भी अधिकारी से सवाल जवाब की। वृद्ध लोगों ने कहा कि आखिर कब गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा देंगे। महिलाओं ने कहा कि राजस्व ग्राम बनाने की मांग सालों से कर रहे हैं। शासन-प्रशासन ध्यान क्यों नहीं देते हैं। इधर महिलाओ ने तो अधिकारियो से यह भी कह दिए की गांव को राजस्व ग्राम बनाने की मांग वर्षो से कर रहे है।पर शासन प्रशासन ध्यान क्यों नहीं देते। जब सरकार एक रात में नोट बदल देती है तो हमारे गांव को राजस्व ग्राम क्यों नहीं बना देते। इधर ग्राम पंचायत सिवनी के सरपंच सुखसागर निषाद ने भी कहा कि इस गांव की वर्षों की मांग है और मांग जायज है। मांग पूरी नहीं होती तब तक चुनाव बहिष्कार करेंगे।

गांव में नहीं घुसने देंगे
ग्रामीण नवल सिंह ने कहा कि गांव की मांग पर स्थानीय नेताओं जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। केवल चुनाव प्रचार करने ही आए। ग्रामीणों की मांग को तो आश्वासन देकर चलते बने। अब ऐसा नहीं होगा। अब तो गांव में जो भी पार्टी चाहे कांग्रेस हो चाहे भाजपा या फिर कोई और पार्टी, सबको गांव से भगाएंगे। काले झंडे दिखाएंगे और कहेंगे कि कोई भी मतदाता चुनाव में मत नहीं देगा, यहां से चले जाओ। इस बैठक में ग्रामीण विश्राम सिंह रामे, झाड़ू राम, चन्द्रकांत ओटी, कृपाल सिंह, बाहरुराम, रामसदास, रामचरण, कुलदीप, केजु, ओमप्रकाश मरई, गजानंद, राम कुमार आदि उपस्थित थे।

ग्राम औंराभाठा पर एक नजर
ग्राम पंचायत सिवनी
आश्रित ग्राम औंराभाठा
जनसंख्या 300
मकान 70
मतदाता लगभग 200
ग्रामीणों की मांग गांव को बनाए राजस्व ग्राम
ग्रामीणों का निर्णय राजस्व ग्राम नहीं बनाए तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार।

प्रयास जारी
अधिकारी बोले राज्य स्तर से अनुमति के बाद ही राजस्व ग्राम बनाए जाएंगे।
वही नायाब तहसीलदार नीलकंठ जगबन्धु ने कहा कि ग्रामीणों की मांग और ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने जिला प्रशासन से प्रयास जारी है। रायपुर से अनुमति के बाद ही राजस्व ग्राम बनाया जाएगा।

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