scriptस्कूल जाने वैन में बैठ रहे दो मासूम बच्चों को हाइवा ने लिया चपेट में, आंखों के सामने सूनी हो गई मां की गोद | The two villagers sitting in the school van were caught by the hiva | Patrika News

स्कूल जाने वैन में बैठ रहे दो मासूम बच्चों को हाइवा ने लिया चपेट में, आंखों के सामने सूनी हो गई मां की गोद

locationबालोदPublished: Oct 24, 2018 12:40:31 am

नेशनल हाइवे दुर्ग से दल्ली मार्ग मौत का सफर साबित हो चुका है। सप्ताह भर में आधा दर्जन बड़ी दुर्घटनाओं अब तक लगभग दर्जनभर लोगों की जान जा चुकी है। मंगलवार को फिर एक हैवी वाहन ने दो मांओं की गोद उजाड़ दी।

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स्कूल जाने वैन में बैठ रहे दो मासूम बच्चों को हाइवा ने लिया चपेट में, आंखों के सामने सूनी हो गई मां की गोद

बालोद (गुंडरदेही). नेशनल हाइवे दुर्ग से दल्ली मार्ग मौत का सफर साबित हो चुका है। सप्ताह भर में आधा दर्जन बड़ी दुर्घटनाओं अब तक लगभग दर्जनभर लोगों की जान जा चुकी है। मंगलवार को फिर एक हैवी वाहन ने दो मांओं की गोद उजाड़ दी। मां को क्या पता था कि स्कूल भेजते समय उसके बच्चे फिर वापस नहीं आएंगे।
इस खूनी सड़क पर मां के सामने ही सुबह 10 बजे दो मासूम बच्चों को हाइवा ने ठोकर मार दी जिससे 8 साल की बच्ची और 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों व बच्चों के परिजन ने मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपए मुआवजा व दोनों परिवार के एक परिजन को शासकीय नौकरी देने की मांग पर अड़ गए थे। इस दौरान घटना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार व पुलिस के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया, तब यात्रियों को राहत मिली।
स्कूल वैन में बैठते समय हाइवा ने ठोका

मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह ग्राम खुटेरी निवासी विमल सोनकर की 8 साल की बेटी मानेश्वी (ईशु) जो गुंडरदेही के सुमन पब्लिक स्कूल में कक्षा तीसरी की छात्रा थी। उसे उसकी मां खुंदनी बाई सोनकर स्कूल वेन तक छोडऩे गई थी। इसी स्कूल में कक्षा 9वीं पढऩे वाले 13 साल का जयंत कुमार पिता प्रकाश साहू स्कूल वैन से उतरा और मानेश्वी को वैन में बैठने के लिए जगह दे रहा था, उसके बाद जैसे ही वह वेन में चढऩे वाला था तभी रायपुर से दल्लीराजहरा जा रहा तेज रफ्तार हाइवा ने ठोकर मार दिया, जिससे मानेश्वी की मौके पर मौत हो गई, वहीं जयंत को गंभीर चोट लगने के कारण इलाज के लिए दुर्ग ले जाते समय उसकी भी मौत हो गई।
बच्ची की मौके पर मौत, इलाज के लिए बालक की दुर्ग ले जाते समय टूटी सांसें
यह दिल दहला देने वाली घटना गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम खुटेरी में सुबह 10 बजे की है, जहां तेज रफ्तार हाइवा ने सड़क किनारे स्कूल वैन में बैठ रही 8 साल की बच्ची व एक 13 साल के बच्चे को ठोकर मार दिया। घटना में बच्ची की मौके पर मौत हो गई। वहीं 13 साल के बच्चे की इलाज के लिए दुर्ग ले जाते समय उसकी सांसें टूट गई। दुर्घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी हाइवा ड्राइवर की उतारकर पिटाई कर दी जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुंडरदेही में भर्ती कराया गया।
चिकित्सक के देर से पहुंचने पर परिजन ने किया हंगामा
इस घटना के बाद स्कूल वैन के चालक ने सभी बच्चों को वैन से नीचे उतारा और फिर घायल जयंत को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया, पर अस्पताल में चिकित्सक ही नहीं थे, जिससे नाराज परिजन ने भी जमकर हंगामा किए और चिकित्सक को यहां हटाने की मांग करते रहे। बताया जाता है कि मंगलवार को डॉक्टर वर्मन की ड्यूटी थी, पर वे ड्यूटी समय में अस्पताल में नहीं थीं और देर से पहुंचे जिससे परिजन ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजन की माने तो अगर समय पर बच्चे का इलाज हो जाता तो जयंत की जान बच सकती थी।
नशे में था चालक, ग्रामीणों की पिटाई से घायल
घटना में दो बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा इतना भड़क उठा कि शराब के नशे में वाहन क्रमांक सीजी सीजी 04 जेडी 9607 चला रहा 40 साल के हाइवा चालक अनुपपुर निवासी दीपनारायण सिंह पिता सीएल सिंह की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। इससे चालक घायल हो गया, उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तत्काल गुंडरदेही अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
घंटाभर तक यात्रियों का रहा बुरा हाल
इधर ग्रामीणों ने घटना के बाद बालोद-दुर्ग मुख्य मार्ग पर ग्राम खुटेरी के पास चक्काजाम कर दिए। सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष, युवा, बच्चे सड़क पर बैठ गए थे। तभी तहसीलदार आरके सोनकर, थाना प्रभारी गुंडरदेही की टीम पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास किया। तहसीलदार ने मृतकों के परिजन को तत्काल 10-10 हजार की राशि सौंपी। इधर ग्रामीण व मृत बच्चों के परिजनों ने 10-10 लाख रुपए मुआवजा व दोनों परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिलाने की मांग करते रहे, जिस पर अधिकारियों ने आश्वासन दिया।
कूचला गया था जयंत का दोनों पैर
हाइवा की चपेट में आने से छात्र जयंत साहू का दोनों पैर टूट गया था, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति को देखते हुए दुर्ग रेफर किया गया था। इस दौरान एंबुलेंस का एक घंटे तक इंतजार किया गया, उसके बाद परिजन निजी गाड़ी कर भिलाई ले जा रहे थे, तभी ग्राम खेरुद निवासी जयंत साहू ने पुलगांव दुर्ग के पास दम तोड़ दिया।
पहले था यहां चार ब्रेकर, सीएम के दौरे के दौरान हटवा दिया
इस गांव में शासन के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिला। जानकारी दी कि गांव में सड़क पर पहले चार ब्रेकर था, लेकिन डॉ. रमन सिंह के 10 अक्टूबर 2017 को गुंडरदेही में बोनस तिहार के लिए दौरे पर आने के दौरान पीडब्ल्यूडी ने हटा दिया था, उसके बाद गैर जिम्मेदार अधिकारी एसडीओ एएस नाथ व सब इंजीनियर मनीष जांगड़े ने उस ब्रेकर को फिर नहीं बनवा पाया। आज तेज रफ्तार हाइवा ने मासूम बच्चों की जान ले ली।
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टिफिन लेकर बाहर आई, तब तक सब हो चुका था खत्म
अपनी आठ साल की बेटी को स्कूल जाने के लिए मां ने तैयार किया और घर से बाहर निकली, तो मानेश्वी ने कहा मां टिफिन, तो मां फिर घर के अंदर गई और मानेश्वी वेन तक पहुंच चुकी थी। जैसे ही मां खुंदनी बाई टिफिन बाक्स के साथ बाहर आई, तो उनकी आंखों के सामने लाडली बेटी को हाइवा ने ठोकर मार दिया, जिससे 8 साल की मासूम मौके पर मौत के आगोश में चली गई, मां दौड़ी तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था। मां बेहोश हो गई। दुर्घना के बाद मां खुंदनी ने अपनी मृत बच्ची को सीने से लगाए रखा। दिल के तुकड़े की मौत के बाद मां का रो-रो कर बुरा हाल है। बेसुध ममता बच्ची को बार-बार पूछ रही है कि आखिर बच्ची को होश क्यों नहीं आ रहा?
सबकी लाड़ली थी मानेश्वी, तो सबका दुलारा था जयंत
ग्राम खुटेरी में हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे में गई मानेश्वी की जान के बाद ग्रामीणों की मानें तो यह बच्ची सबकी लाडली थी। इनकी चंचलता लोगों को खूब भाती थी, पर इस दुखद घटना से पूरे गांव में शोक है। यही नहीं ग्राम खेरुद के रहने वाले जयंत भी सबका दुलारा था, पर इस घटना से दो परिवार से उसके बच्चों का जीवन छीन गया, अब केवल यादें ही रह गई।
श्रद्धांजलि के बाद स्कूलों में दे दी गई छुट्टी
सुमन पब्लिक स्कूल के इन दो बच्चों का सड़क हादसे में मौत के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दे कर स्कूल की छुट्टी कर दी गई। स्कूल के शिक्षक सहित विद्यर्थियों ने घटना पर दुख व्यक्त किया। इधर चर्चा रही कि इतनी बड़ी घटना के बाद एक भी जनप्रतिनिधि न ही घटना स्थल पर और न ही मृत परिवार के पास पहुंचे।
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