ग्रामीण तरुण लाल, चंद्रकांत ओटी ने बताया की गांव में कुल 75 घर है लगभग 300 की जनसंख्या है पर पट्टे नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। कृषि कार्य तो होता है पर खेत में लिए फसल की कटाई मिंजाई के बाद तो समर्थन मूल्य पर भी धान नहीं बेच पाते। अगर पट्टा मिल जाता तो यह लाभ भी मिलता।
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि गांव में सभी का आधार कार्ड है, राशन कार्ड है, निवास प्रमाण पत्र है। बच्चे स्कूल में दाखिल हो रहे हैं, पर आखिर शासन पट्टा क्यों नहीं देता। इधर ग्रामीणों ने साफ कहा है अगर 15 दिवस के भीतर पट्टा जारी नहीं हुआ तो आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार निश्चित ही कर देंगे।
ग्रामीण चंद्रकांत ओटी ने बताया 100 साल से ज्यादा समय हो गया यहां निवास करते हुए। तांदुला बांध के निर्माण के चलते इस जगह पर व्यवस्थापन किया गया था, पर कई बार पट्टे की मांग किए, पर विडंबना ये रही कि पट्टे की जगह नोटिस मिलता रहा, नतीजा यह है कि यहां के ग्रामीण बिना पट्टे के ही रह रहे हैं।