इस योजना से लाभ लिए ग्राम सिवनी निवासी अनीता बाई ने बताया जब वह इस योजना में आवेदन दी थी तब साफ कहा गया था कि ऑटो रिक्शा के लिए 50 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। जब रिक्शा मिला तो न अब तक कंपनी ने कागजात दिए हैं, तो इधर बैंक भी छूट नहीं दे रहा। अनीता ने बताया वह ऑटो रिक्शा योजना के तहत खरीदी, पर अब पूरी राशि मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा एक ऑटो रिक्शा की कीमत 1 लाख 60 हजार बताए थे, जिसमें से योजना के तहत 50 हजार की छूट बताई गई थी, जिसके लिए बैंक खाता खुलवाकर उन्होंने यह ऑटो खरीदी, पर अब 50 हजार सब्सिडी की राशि काटने के बाद भी पूरी राशि जमा करने के लिए बोल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह दो किस्त भी जमा की थी, पर छूट नहीं मिलने से वे ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसलिए वापस करेंगे। श्रम विभाग की मानें तो इससे पहले सुरेगांव का एक हितग्राही ने भी रिक्शा वापस किया है।
इधर जिला श्रम अधिकारी संजय सिंह ने कहा इस मामले की जानकारी उसे नहीं है, पर श्रम निरीक्षक को निर्देश दिए हैं कि हितग्राहियों व बैंक के मैनेजर से इसकी जानकारी लें। उन्होंने मामले को तत्काल सुलझाने की बात कही है। ज्ञात रहे कि इस योजना के तहत रोजगार का माध्यम तलाशे हितग्राहियों को धोखा होने से उनमें निराशा है। योजना में उन्हें किसी तरह का शासन से लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अब फिर खुलेगी विवाह प्रोत्साहन योजना में गड़बड़ी की फाइल, नए श्रम अधिकारी ने दिखाई दिलचस्पी, ब्लॉकों से मंगाई फाइल
बालोद. राज माता विजया राजे विवाह प्रोत्साहन योजना में हुई गड़बड़ी में 10 दोषियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे आगे ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं। योजना का गलत उपयोग के लटके मामले में नए श्रम अधिकारी संजय सिंह ने दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने इस मामले की पूरी फाइल फिर से तत्काल खोलने की बात कही है। बीते चार माह से बंद फाइल को अब फिर खोलने की उम्मीद जगी है। अधिकारी के अनुसार नए सिरे से इस मामले पर कार्रवाई कराने की योजना है।
बता दें कि इस योजना के तहत गुण्डरदेही ब्लॉक में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी पुष्टि भी जांच में हो गई है। श्रम विभाग ने गुण्डरदेही थाने में इस मामले पर कार्रवाई करने चार माह पहले ही रिपोर्ट दे दी थी, पर आज तक इस पुख्ता गड़बड़ी के मामले पर संबंधितों पर कार्रवाई नहीं की गई। इससे योजना के दलाल व दोषी लोग खुले आम घूम रहे हैं।
श्रम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के लाभ लेने के लिए 10 लोगों ने फर्जी शादी कार्ड प्रिंट करवाकर योजना में मिलने वाले 20 हजार रुपए को लेने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। यही नहीं एक महिला ने तो अपनी आठ साल की बच्ची की भी फर्जी शादी करवा दी थी।
श्रम अधिकारी बालोद संजय सिंह ने कहा इस पूरे मामले की फाइल खुलवाने के लिए बोला हूं। फिर नए सिरे से इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी। दोषी जो भी हो उसे सजा मिलेगी।