सुनवाई के दौरान बयान किए जाएंगे रिकॉर्ड
बालोद जिला अदालत को पूरी तरह से हाइटेक किया गया है। यहां किसी मामले की सुनवाई के दौरान बयान भी रिकॉर्ड किए जाएंगे। आरोपी अगर न्यायाधीश के सामने कठघरे में खड़ा बयान दे रहा हो, तो उसका बयान एलइडी टीवी से पीडि़त पक्ष भी पढ़ सकता है। यही नहीं सुनवाई भी हाइटेक कैमरे व कम्प्यूटर के जरिए सुनवाई करेंगे। इस कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था से अब सुनवाई का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
कोर्ट परिसर में लाइब्रेरी का भी निर्माण किया गया है, जहां धर्म, अध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान सहित अनेक तरह के ज्ञानवर्धक साहित्य भी रखे गए हैं। लाइब्रेरी जाकर इन साहित्यों को कोई भी पढ़ सकता है। पीडि़त हो या उनके परिजन। आरोपी हो या फिर उनके परिजन भी लाइब्रेरी में समय गुजार सकता है। यही नहीं न्यायालय के वकील, कर्मचारी भी यहां अपनी मन-पसन्द की साहित्य पढ़ सकते हैं।
दर्पण में सीख, अच्छा बनो झूठे नहीं
एक और पहल के तहत जिला न्यायालय की सीढिय़ों के पास ही दर्पण लगाया गया है। जब लोग सीढिय़ां चढ़ते और उतरते हैं, तो उन्हें सीख मिलती है कि अच्छा बनो, झूठे नहीं। यहां के दर्पण में भी अच्छे विचार लिखे गए हैं ताकि लोग अपना चेहरा दर्पण में देखकर ही अपने आप को पहचानें।
जिला सत्र न्यायाधीश रमा शंकर प्रसाद ने बताया कि न्यायालय को हाइटेक किया गया है। पीडि़त और आरोपी के परिजन के लिए भी व्यवस्था की गई है। सुनवाई के दौरान उन्हें आराम मिले इसके लिए बैठने की व्यवस्था की गई है। टेलीविजन लगाए गए हैं, ताकि उनके प्रकरण में सुनवाई का समय न आया हो, तो वे इसे देखकर कुछ सीख सकें और अपने समय का सदुपयोग कर सकें। टीवी पर संदेशपरक क्राइम से रोकथाम व शिक्षाप्रद लघु फिल्म दिखाई जाएगी। इसके अलावा अदालत के अंदर जाने से पहले गवाहों के साथ आरोपी व पीडि़तों को कैरम खेल सकता है ताकि अदालत में जाने से पहले उनका डर खत्म हो और शांत मन से वे बयान दर्ज कराएं।