आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष आयशा खान ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi workers) व सहायिका हर तरह से उपेक्षित है। जो हक बनता है उसको लेकर रहेंगे। लगातार धरना-प्रदर्शन के बाद भी मारी मांगों की ओर शासन ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब अगर मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस दौरान बीजेपी की पूर्व सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi workers) को दिए गए एंड्राइड मोबाइल फोन को निम्न स्तर का बताया और बदलने की मांग की। बता दें कि राज्य में अब सरकार बदल गई है। पूर्व में भाजपा की रमन सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हाईटेक करने जिले के सभी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन दिए थे। सरकार का उद्ेश्य आंगनबाड़ी के कामों को ऑनलाइन करना था। अब राज्य में कांग्रेस की भूपेश (CM Bhupesh Baghel) सरकार इसे बदलेगा या नहीं यह समय ही बताएगा।
आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी (Government Employee) घोषित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18 हजार रुपए और सहायिकाओं को नौ हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाय। स्वास्थ्य सुविधाएं, सामजिक सुरक्षा के तहत पीएफ पेंशन और ग्रेज्युटी दी जाए। इस धरना प्रदर्शन में जिले के लगभग 14 सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका शामिल थे।