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BJP विधायक और उनके समर्थकों ने भरी बैठक में अधिकारी को पीटा, मची भगदड़

locationबलियाPublished: Sep 22, 2018 10:17:08 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

इस विवाद के बाद भी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई

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BJP विधायक और उनके समर्थकों ने भरी बैठक में अधिकारी को पीटा, मची भगदड़

बलिया. जिले के कलेक्ट्रट सभागार में समीक्षा बैठक के बीच में ही भगदड़ मच गया। जब भाजपा के विधायक सुरेन्द्र सिंह और बलिया बीजेपी के जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दुबे और इनके समर्थकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक की बुरी तरह से पिटाई कर दिया। लोगों के सामने ही अधिकारी की पिटाई के बाद भगदड़ मच गई। जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक समेत आलाधिकारी बैठक छोड़कर भाग खड़े हुए। हलांकि जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से कोई शिकायती पत्र नहीं दिया गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि जिलाधिकारी के सामने हुए इस विवाद के बाद भी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बताया जा रहा है कि शनिवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के सभागार में सांसद भरत सिंह ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भाजपा के नेता पंकज सिंह भी शामिल हुए थे। बैठक काफी देर तक चलने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक और भाजपा विधायक से शिक्षा विभाग में किसी नियुक्ति को लेकर कहासुनी होने लगी। इसी बीत बात बढ़ गई। बाहर देखते ही देखते सभागार में ही विधायक ने अधिकारी को गालियां देनी शुरू कर दिया। वो बचने की कोशिस कर ही रहे थे कि बलिया बीजेपी के जिलाध्यक्ष उनके समर्थक और विधायक के समर्थक वहां आ गये। सबने मिलकर अधिकारी को पिटना शुरू कर दिया। देखते ही देखते हाल में भगदड़ मच गई। बैठक में मौजूद डीएम-एसपी से लेकर आलाधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक को बचाने की बजाय वहां से भाग खड़े हुए। इस वारदात ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि भाजपा के नेताओं पर सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है।
कहा, दो लाख लेकर की जा रही नियुक्ति

विधायक ने विवाद के बाबत बताया की कई विद्यालयों में मृतक आश्रितों की जगह पर नियुक्ति की जानी है। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से कई बार कहा भी गया। लेकिन ये अधिकारी हर कैंडिडेट से दो लाख रूपये की डिमांड करते हैं। जो पैसे नहीं दे पा रहे हैं उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही है। ये कैसा सिस्टम है। अगर इस सरकार में भी अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे तो आखिर उसे कैसे बर्दाश्त किया जायेगा। हालांकि विधायक के खिलाफ अधिकारी की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है। सूत्रों की मानें तो जिलाधिकारी ने अपने आवास पर बुलाकर जिला विद्यालय निरीक्षक और विधायक के बीच देर शाम को समझौता करा दिया।
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