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डेयरी का सरकारी दाना निगल रहे निजी मवेशी

locationबालाघाटPublished: Jun 13, 2019 09:43:15 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

नियमों को ताक पर रखकर डेयरी में पाले जा रहे निजी मवेशी, मवेशियों के शेड भी हुए क्षतिग्रस्त, करीब पांच सौ एकड़ में संचालित हो रही है डेयरी, शासकीय डेयरी गढ़ी का मामला

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डेयरी का सरकारी दाना निगल रहे निजी मवेशी

बालाघाट/गढ़ी. शासकीय डेयरी का सरकारी दानों का सेवन निजी मवेशियों द्वारा किया जा रहा है। विडम्बना यह है कि नियमों को ताक पर रखकर शासकीय डेयरी में निजी मवेशियों को भी पाला जा रहा है। जबकि शासकीय डेयरी के मवेशियों को शेड भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। बावजूद इसके यहां पर निजी मवेशियों को पालना और उन्हें दाना खिलाया जा रहा है। मामला शासकीय डेयरी (पशु प्रजनन प्रक्षेत्र) गढ़ी का है।
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बैहर अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ी में पशु प्रजनन प्रक्षेत्र एक हजार 80 एकड़ में फैला हुआ है। यहां पर करीब पांच सौ एकड़ में डेयरी का संचालन किया जा रहा है। जिसमें छह सैकड़ा से अधिक मवेशियों को रखा जा रहा है। वहीं डेयरी की शेष भूमि पर घास लगाई जाती है। यहां दुग्ध उत्पादक मवेशियों से रोजाना करीब १५० लीटर दुग्ध का भी उत्पादन किया जाता है। इस प्रजनन केन्द्र में साहीवाल, जर्सी, जील सहित अन्य नस्ल की छोटी बड़ी 380 गाय (मवेशी) है। इतने मवेशियों पर महज एक डॉक्टर पदस्थ किया गया है। मवेशियों के बीमार होने पर असमय मवेशियों की मौत हो जाती है। पिछले साल से अब तक दो दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है। जिसके चलते शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
डेयरी में पाल रहे निजी बकरे-बकरियां
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डेयरी में वैसे तो २७ बकरे-बकरियां शासकीय है। लेकिन यहां आधा सैकड़ा से अधिक बकरे-बकरियों को पाला जा रहा है। जिसमें शासकीय बकरे-बकरियों को छोड़कर शेष निजी है। इन बकरे-बकरियों को सरकारी दाना भी खिलाया जा रहा है। लेकिन इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। विडम्बना यह है कि ये बकरे-बकरियां डेयरी का संचालन करने वाले प्रबंधक के परिजनों द्वारा ही पाला जा रहा है।
सरकारी दाने के निजी उपयोग से हो रही क्षति
शासकीय डेयरी में सरकारी दाने का उपयोग निजी तौर पर किए जाने से शासन को लाखों रुपए की क्षति हो रही है। यहां काफी दिनों से सरकारी दानों का उपयोग गलत तरीके से किया जा रहा है। लेकिन इस मामले में अभी तक किसी ने रोक नहीं लगाई है।
क्षतिग्रस्त शेड में रह रहे मवेशी
डेयरी फार्म में मवेशियों के शेड भी काफी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वर्षों से यहां से दूध विक्रय किए जाने के बाद भी गौशाला में अव्यवस्था का आलम है। परिसर में कीचड़ और कुओं में कचरा भरा रहता है। लेकिन उसकी साफ-सफाई नहीं की जाती है। जिसके कारण मवेशियों को संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। पशु प्रजनन प्रक्षेत्र में 15 कर्मचारियों को इन छोटी बड़ी गायों की देखरेख करने तैनात किया गया है। लेकिन कर्मचारियों द्वारा ठीक तरह से देखरेख भी नहीं की जा रही है।
इनका कहना है
उनके किराए के कमरों की छत उड़ गई है। इस कारण डेयरी में उनके निजी बकरे-बकरियों को रखा गया है। उन्हें सरकारी दाना नहीं खिलाया जाता है। क्षतिग्रस्त पशु शेड की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। विभाग द्वारा राशि भी जमा करा दी गई है। शीघ्र ही मरम्मत कराई जाएगी।
-एमएम खान, प्रबंधक, शासकीय डेयरी गढ़ी

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