पुलिस ने जंगलों में बढ़ाई सर्चिंग, फरार नक्सलियों की कर रहे तलाश
बालाघाटPublished: Jul 12, 2019 09:56:09 pm
एनकाउंटर में मृत महिला नक्सली के शव को लेने नहीं पहुंचे परिजन
पुलिस ने जंगलों में बढ़ाई सर्चिंग, फरार नक्सलियों की कर रहे तलाश
बालाघाट. लांजी थाना अंतर्गत देवरबेली चौकी के पुजारीटोला में हुए पुलिस एनकाउंटर के बाद से पुलिस ने जंगलों में न केवल डेरा डाल दिया है। बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सर्चिंग बढ़ा दी गई है। फरार नक्सलियों की लगातार तलाश की जा रही है। नक्सलियों के उन सभी चिन्हित स्थानों पर दबिश दी जा रही है, जहां उनके छिपने की संभावना बनी हुई है। माना जा रहा है कि पुलिस को आगामी कुछ दिनों में बड़ी सफलता मिल सकती है। इधर, एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के पास से मिली डायरी की जांच की जा रही है। डायरी में नक्सलियों द्वारा लिखे गए सभी तथ्यों की गहनता से जांच की जा रही है। वहीं एसपी अभिषेक तिवारी ने गुरुवार को एक बार फिर घटना स्थल क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों व अन्य लोगों से चर्चा अलग-अलग विषयों में चर्चा भी की।
जानकारी के अनुसार पुजारीटोला में ९ जुलाई की रात्रि में हुई मुठभेड़ में छग राज्य के राजनांदगांव जिले के बोरतालाब निवासी अशोक उर्फ मंगेश और महिला नक्सली नंदे मारे गए। जबकि करीब १० नक्सली मौका देखकर भाग गए। मुठभेड़ में मारे गए दोनों नक्सलियों पर मप्र, छग और महाराष्ट्र राज्य से १४-१४ लाख रुपए का इनाम था। बताया गया है कि मृत नक्सली मंगेश, पूर्व नक्सली पहाड़ सिंह और महिला नक्सली नंदे, जमुना उर्फ सागन बाई के साथ गनमेन के रुप में कार्य करते थे। पहाड़ सिंह द्वारा आत्मसमर्पण करने और जमुना बाई की एनकाउंटर में मौत होने के बाद मंगेश और नंदे ने टांडा दलम की कमान संभाल ली थी। घटना में मारे गए दोनों नक्सली बालाघाट जिले में न केवल दलम का विस्तार कर रहे थे। बल्कि लगातार सक्रिय भी थे। खासतौर पर बारिश के दिनों में इन नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों के साथ बैठकें कर उन्हें नक्सली विचारधारा से जोडऩे का प्रयास कर रहे थे। लेकिन पुलिस की लगातार सर्चिंग के चलते नक्सली अपने मंसूबों पर सफल नहीं हो पाए।
छग राज्य के बस्तर की निवासी थी मृत महिला नक्सली
पुलिस एनकाउंटर में मारी गई महिला नक्सली नंदे की भी शिनाख्त हो चुकी है। नंदे छग राज्य के बस्तर की निवासी है। एनकाउंटर में मारे गए दोनों ही नक्सलियों की शिनाख्त पूर्व आत्मसमर्पित नक्सली पहाड़ सिंह ने ही की है। पहाड़ सिंह ने पुलिस को बताया कि नंदे बस्तर की निवासी है। नंदे का मामा बुधरु विस्तार कंपनी का कमांडर है। उसकी विस्तार कंपनी में सौ नक्सली शामिल है। हालांकि, नंदे के शव को लेने के लिए उनके परिजन अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नंदे के शव को ले जाने के लिए बस्तर के एसपी को बालाघाट पुलिस ने सूचना दे दी है। ताकि नंदे के परिजनों को इसकी जानकारी मिल जाए। यदि नंदे के परिजन शव लेने नहीं आते हैं तो उसका कफन-दफन बालाघाट में ही किया जाएगा। वहीं मंगेश का शव बुधवार को ही उसके गांव परिजनों के पास भिजवा दिया गया था।
डायरी उगल सकती है राज
एनकाउंटर में मारे गए नक्सली मंगेश के पास से जब्त डायरी अनेक राज खोल सकती है। पुलिस अभी इस डायरी का अध्ययन कर रही है। इसके बाद डायरी में लिखे तथ्यों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगेश दसवीं तक पढ़ा-लिखा था।
सीमावर्ती क्षेत्रों को नक्सलियों ने बना रखा है शरणस्थली
जिले के महाराष्ट्र और छग राज्य की सीमा से लगे क्षेत्रों को नक्सलियों ने अपनी शरणस्थली बनाया हुआ है। प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में नक्सली बालाघाट जिले को अपनी शरण स्थली बना लेते हैं। बारिश के दिनों में ये नक्सली गांव-गांव बैठकेें करते हैं। ग्रामीणों को नक्सली विचारधारा से अवगत कराकर उन्हें दलम में शामिल होने के लिए दबाव बनाते हैं। हालांकि, इसकी जानकारी पुलिस को भी होती है। लेकिन पुलिस नक्सलियों के इन्हीं मंसूबों को विफल करने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है। जिसके कारण नक्सली अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाते हैं।
इनका कहना है
मुठभेड़ के बाद फरार हुए नक्सलियों की लगातार तलाश की जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्चिंग बढ़ा दी गई है। संभावित सभी स्थानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के पास जब्त डायरी की जांच की जा रही है।
-आकाश भूरिया, एएसपी, बालाघाट