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उद्योग, फैक्ट्रियां, मिले बंद, कैसे मिलेगा रोजगार

locationबालाघाटPublished: Dec 20, 2018 06:10:02 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से लाखों लोग हुए बेरोजगार, रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर रहे ग्रामीण

balaghat news

उद्योग, फैक्ट्रियां, मिले बंद, कैसे मिलेगा रोजगार

बालाघाट. जिले में पूर्व से संचालित उद्योग, फैक्ट्रियां, मिले बंद होने की कगार पर है। इनमें से अधिकांश फैक्ट्रियां, मिले, उद्योग तो बंद भी हो चुके हैं। इधर, इनके बंद होने से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से लाखों लोग बेरोजगार हो चुके है। वहीं जिले में रोजगार नहीं मिलने से लोग महानगरों की ओर पलायन कर रहे है।
जानकारी के अनुसार बालाघाट जिले में करीब 220 राईस मिले थी, जिसमें से 200 बन्द हो गई है। वहीं २० मिले अभी भी संचालित हो रही है। हालांकि, ये मिले भी घाटे में चल रही है। एक मिल में करीब 125 से 130 व्यक्ति काम करते है। मिल बन्द होने से करीब 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलना बंद हो गया। इसी तरह जिले में करीब 40 पोहा उद्योग थे। एक उद्योग में तीन से चार या इससे भी अधिक यूनिट संचालित होती थी। मौजूदा समय मेें 5 उद्योग ही संचालित हो रहे है। शेष उद्योग बन्द हो गए है। पोहा उद्योग के एक यूनिट में करीब 15 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता था, जो अब बन्द हो गया। जिले में 48 कवेलू फैक्ट्रियां थी, जिसमें से अभी केवल 19 चालू है। ये 19 फैक्ट्रियां भी घाटे में चल रही है। जबकि 29 कवेलू फैक्ट्रियां बन्द है। प्रत्येक फैक्ट्रियों में करीब 200 लोगों को रोजगार मिलता था। फैक्ट्री बन्द होने से ये बेरोजगार हो गए। इन फैक्ट्रियों के बंद होने से करीब 6000 लोग प्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए है।
सात कंपनियां हुई बंद
इसी तरह मप्र और महाराष्ट्र राज्य की सीमा में बसे ग्राम रजेगांव में सात कंपनियां बंद हो चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता हितेश अजीत के अनुसार मुख्यालय में पूर्व में नर्मदा प्लास्टिक कपंनी में लगभग 500 श्रमिक कार्य करते थे। यह कपंनी लगभग 10 वर्षोंं से अधिक समय से बंद है। मयूर टाईल्स कपंनी में पत्थर से टाईल्स तरासे व बनाएं जाते थे। इस कपंनी में करीब 400 ग्रामीणों को रोजगार मिलता था। स्टील प्लांट की कपंनी में मेटल बनाए जाते थे। जिसमें करीब 450 मजदूर प्रतिदिन कार्य करते थे। यह कपंनी भी सालों से बंद पड़ी हुई है। रुखमणी साल्वेंट कपंनी में करीब दो सैकड़ा मजदूर कार्य करते थे। यह कंपनी भी पिछले करीब ८-१० सालों से बंद पड़ी हुई है। सोनाली इंडस्ट्रीज में करीब सौ मजदूर कार्य करते थे। इस तरह से यहां पर अन्य उद्योग धंधे संचालित होते थे। जिनके बंद होने से हजारों लोगों को रोजगार मिलना बंद हो गया है।

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