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हाईस्कूल की इमारत तैयार उद्घाटन का कर रही इंतजार

locationबालाघाटPublished: Nov 04, 2018 04:01:55 pm

Submitted by:

mukesh yadav

2 साल पहले हाईस्कूल को मिली स्वीकृती, बच्चों के लिए नहीं मिले गुरूजी

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हाईस्कूल की इमारत तैयार उद्घाटन का कर रही इंतजार

कटंगी/तिरोड़ी। क्षेत्र की ग्राम पंचायत पुलपुट्टा के शासकीय हाईस्कूल में दो साल बाद भी शासकीय शिक्षक पदस्थ नहीं हो पाए है। इस कारण इस स्कूल में पढऩे वाले गरीब विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। मगर, चौकानें वाली बात तो यह है कि ग्रामीणों के द्वारा लगातार शिक्षकों के पदस्थ करने की मांग के बावजूद ग्रामीणों को केवल महज कोरा आश्वासन ही मिला। बता दें कि एक ओर इस स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो पाई है। वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपए से स्कूल की इमारत बनकर तैयार हो चुकी है। लेकिन नेताओं के हाथों उद्घाटन नहीं होने के कारण यह इमारत भी अब तक विभाग को हस्तातंरित नहीं हो पाई है। हाईस्कूल का संचालन माध्यमिक स्कूल के भवन में हो रहा है। लिहाजा ऐसे में दोनों ही स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और बच्चों के शिक्षा का स्तर लगातार गिरते जा रहा है। अभिभावकों का आरोप है कि हाईस्कूल भवन के उद्घाटन में जानबुझकर लेटलतीफी की गई।
अतिथियों के भरोसे हाईस्कूल-
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलपुट्टा में वर्ष 2016 में हाईस्कूल को स्वीकृती मिली। इसके बाद 95 लाख रुपए की लागत से शाला भवन की इमारत का निर्माण भी हो गया। लेकिन आज तक इस स्कूल में शासकीय शिक्षक पदस्थ नहीं किए गए है। महज चंद हजार रुपए की मासिक मानदेय पर रखे गए 4 अतिथि शिक्षकों के भरोसे हाईस्कूल का संचालन हो रहा है। इस स्थिति से नाराज ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार तथा उनके नुमाइदों ने स्कूल स्वीकृत कराकर वाहवाही तो खुब बटोर ली। लेकिन स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कभी कोई प्रयास नहीं किया। जिससे गरीब परिवारों के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। ग्रामीणों की माने तो शासकीय माध्यमिक शाला में भी सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है। इस स्कूल में 99 विद्यार्थी अध्ययनरत है। जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र 2 शासकीय शिक्षक है। एक साथ दो और तीन कक्षाओं का संचालन हो रहा है। इस कारण से बच्चों को ज्ञानार्जन में दिक्कत आ रही है।
माध्यमिक शाला की पढ़ाई प्रभावित-
वैज्ञानिक तथ्य तो यही कहता है कि प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल में ही विद्यार्थी सीखता, समझता और पढ़ता है। इस दौरान विद्यार्थी को ठीक तरीके से शिक्षा नहीं मिली तो वह आगे भी पढ़ाई में कमजोर ही रहेगा। क्षेत्र के किसी भी प्राथमिक और माध्यमिक शाला में व्यवस्थित तरीके से पढ़ाई नहीं हो रही है। यानी इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे कक्षा पास तो कर लेंगे। लेकिन उनमें अक्षर और मात्रा ज्ञान जैसी कमियां रहेगी।
वर्सन
इस विषय को हमारे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत करा दिया गया है। जो इमारत बनी है, वो हाईस्कूल को नहीं सौंपे जाने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर दूसरे स्कूल में कक्षाएं लगाई जा रही है।
अशोक नगपुरे, बीआरसी

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