20 वर्षो से भवन विहीन महिला बाल विकास कार्यालय
बालाघाटPublished: May 15, 2019 08:04:53 pm
शाासन प्रशासन को नहीं सुध, किराए पर लाखों खर्च
20 वर्षो से भवन विहीन महिला बाल विकास कार्यालय
चिखलाबांध. एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना खैरलांजी का कार्यालय पिछले लंबे अतंराल से शासन प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। खैरलांजी में 15 अगस्त 1999 को मबवि के परियोजना इकाई की स्थाना की गई थी। लेकिन इसके बाद अज तक परियोजना कार्यालय का स्वयं भवन नहीं बन पाया है। वर्तमान समय में भी किराए के भवन में इसका संचालन किया जा रहा है। यहां पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण कई अहम समस्याओं के मकड़ जाल में उलझे रहते हैं। कारण यहीं है कि कार्य के संपदान में अधिकारी कर्मचारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार खैरलांजी परियोजना कार्यालय के अधिन वर्तमान में 171 आंगवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जाता है। जहां मबवि विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कार्यो और योजनाओं का संचालन किया जाता है और हितग्राहियों को उसका लाभ दिया जाता है। लेकिन इन 171 आंगनवाड़ी केन्द्र का सूत्रधार परियोजना कार्यालय महज 3 कक्षों में संचालित हो रहा है। इस कारण खासकर मीटिंग या अधिक संख्या में यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं पहुंचती है तो बेजा अव्यवस्था हो जाती है। इसके बाद बैठक कहीं और या अन्य किराया पर कमरा लेकर करना पड़ता है।
वीसी कक्ष का अभाव
कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि परियोजना कार्यालय में वीसी कक्ष का भी अभाव बना हुआ है। कार्यालय में शासन स्तर पर सीधे संवाद स्थापित एवं विभागीय कार्य की प्रगति समीक्षा सरकार को देने वीडियों कान्फ्रेसिंग के संसाधन तो उपलब्ध करा दिए गए है, लेकिन सारे उपकरण वीसी कक्ष के अभाव में धुल फांक रहे हंै। जो कि अब तक सिर्फ शोपीस बने हुए हैं।
बैठक के लिए नहीं सभाग्रह
प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय योजनाओं की जानकारी एवं विभागीय कार्य की समीक्षा करने ली जने वाली बैठकें भी सभा कक्ष के अभाव में प्रभावित होती है। महज 3 कक्षों से कार्यालयीन कामकाज को अंजाम दिए जाने से कार्यकर्ताओं की बैठक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रहती है। नतीजन कार्यकर्ताएं बैठक के दौरान पोर्च के नीचे बैठक कर बैठकों में भाग लेती हंै। जिन्हे अव्यवस्था के चलते पर्याप्त जानकारी हासिल नहीं होती है और नाही विभागीय दस्तावेजों का अवलोकन सहजता से हो पाता है। पदस्थ अधिकारी कर्मचारी व कार्यकर्ताओं ने शीघ्र ही स्वंय का कार्यालय भवन बनवाए जाने की मांग की है।
इनका का कहना है।
कार्यालयीन परिसर छोटा होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पुराने तहसील कार्यालय का भवन मबवि विभाग के कार्यालय हेतु हस्तांतरण की कार्रवाई की जा चुकी है। उक्त भवन के मरम्मत के लिए स्थानीय सांसद से चर्चा कर सांसद निधी की राशि का मांग पत्र सौंपा गया था। यदि भवन की मरम्मत कर इस कार्यालय के लिए उपलब्ध कराया जाता है तो व्यवस्था और कामकाज सुचारु रुप से सम्पन्न होंगे।
लकेश उके, परियोजना अधिकारी मबविवि