घोषणाओं में सिमटा नगर के तालाबों का सौंदर्यीकरण
बालाघाटPublished: Dec 21, 2018 12:29:28 pm
नपं दौड़ा रही कागजी घोड़े, तालाब नहीं हुआ हस्तातंरित, तत्कालीन मुख्यमंत्री ने की थी सौंदर्यीकरण के लिए 2 करोड़ रुपए की घोषणा
घोषणाओं में सिमटा नगर के तालाबों का सौंदर्यीकरण
बालाघाट/कटंगी. शहर में स्थित दो बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण आखिरकार कब होगा ? यह सवाल अब भविष्य के गर्त में है। दरअसल, 15 अप्रैल 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वारासिवनी में एक सभा को संबोधित करते हुए कटंगी शहर के तालाबों के सौन्दर्यीकरण के लिए राशि 2 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। इस घोषणा के करीब डेढ़ माह बाद ही नपा को 1 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई। लेकिन आज तलक तालाबों के सौन्दर्यीकरण का जमीनी स्तर पर कोई काम दिखाई नहीं दे रहा है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीकांत पाटर बताते है कि नगर का बड़ा तालाब जल संसाधन विभाग के अधीनस्थ है जिस वजह से वहां किसी प्रकार का काम नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि नपा द्वारा जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखकर तालाब नपा को हस्तातंरित करने की मांग की गई थी। जिसका जवाब देते हुए कार्यपालन यंत्री ने बताया कि उनके पास यह अधिकार नहीं है जिसके बाद अब मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर लिए तालाब हस्तातंरण या फिर सौन्दर्यीकरण के लिए लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) मांगी गई है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी घोषणा की गई राशि को प्राप्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
नगर में स्थित तालाबों के लिए भाजपा सरकार के 15 सालों के शासनकाल में 2 बार दो-दो करोड़ रुपए की घोषणा हुई। पहली बार वर्ष 2011-12 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की और बकायदा नगर परिषद को मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के नाम से यह राशि प्राप्त भी हुई। जिससे नपा ने तालाबों का विकास करने की बजाए शहर के वार्डों में नालियां और सड़के बना डाली। हालांकि, इस राशि का कुछ हिस्सा मुंदीवाड़ा तालाब पर खर्च किया गया लेकिन तालाब की हालत आज भी जस की तस है। इसके बाद पुन: इसी वर्ष अप्रैल महीने में 2 करोड़ रुपए की राशि तालाबों के सुदृढ़ीकरण के लिए घोषणा की गई है।
उल्लेखनीय है कि शहर के मुंदीवाड़ा छोटा तालाब, बड़ा तालाब और अर्जुननाला के देवी तालाब को गहरीकरण की दरकार है। वर्तमान समय में इन तालाबों की स्थिति बहुत ही खराब है। करीब 5-7 वर्षों से हर साल गर्मी के मौसम में यह तालाब सूख जाते है। जिसका सीधा असर मत्स्य पालन और शहर के भू-जलस्तर पर दिखाई पडता है। मछुआरों के मुताबिक बीते वर्ष तालाब का पानी सूख जाने से उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। बड़ी संख्या में मछुआरों को अपनी आजीविका चलाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। ज्ञात हो कि मौजूदा स्थिति में मुंदीवाड़ा और अर्जुननाला देवी तालाब नगर परिषद् के अधीनस्थ है किन्तु शहर का बड़ा तालाब सिंचाई विभाग के अधीनस्थ ही है। इधर, ध्यान देने वाली बात तो यह भी है कि यह सभी तालाब अतिक्रमण से घिरे हुए है, जिन्हे अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई खास प्रयास भी नहीं किए गए है। शहर के मध्य स्थित सिंचाई विभाग का बड़ा तालाब 37 एकड़ 46 डिस्मिल में फैला हुआ है लेकिन इसके एक बड़े हिस्से में अतिक्रमण किया जा चुका है।
इनका कहना है
बड़ा तालाब नपा को हस्तातंरित हो जाए या फिर सौन्दर्यीकरण की अनुमति मिल जाए। इसके लिए कागजी कार्रवाई की गई है जैसे ही अनुमति मिलेगी, वैसे ही घोषणा की राशि की मांग की जाएगी। अन्यथा स्वीकृत राशि मिलने के बाद भी कोई काम नहीं होगा।
-श्रीकांत पाटर, सीएमओ, नप कटंगी