अहीर समाज ने मनाई दिवाली
बालाघाटPublished: Nov 09, 2018 04:05:01 pm
जिलेभर में मनाई गई गोवर्धन पूजा, पशु की खुशहाली के लिए हुई पूजा
बालाघाट. शहर के सरकारी बस स्टैंड स्थित खिलिया मुठिया मंदिर में शुक्रवार को जैसे ही गाय खेलने लगी तो सभी सामाजिक बंधुओं मेंं खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने मंदिर प्रागंण में बनाए गोबर के गोवर्धन से गोबर उठाया और एक-दूसरे को तिलक लगाकर गले मिलकर बंधाईयां दी। आखर मैदान में भारी शोर-गुल और जनसमुदाय के बीच पारम्परिक रुप से गोवर्धन की पूजा-अर्चना कर गाय खिलाई गई। जिसके बाद गोवारा और अहीर समाज के लोगों ने शानदार अहीरी नृत्य प्रस्तुत किया।
खिलाई खिचड़ी
गोवारी पूजा स्थल में गोवारा समाज के सभी मित्र-बंधुओं ने जोर-शोर से तैयारी की थी। जिसमें राधे-एण्ड अशोक शहनाई का जुलबंधी कार्यक्रम दोपहर मेें पेश किया गया। समाज के जीपी कोरड़े, संपत कोहरे, ददन सहारे ने गोवर्धन स्थल पर गाय खिलाने का कार्यक्रम विधि विधान से किया। आखर मैदान में गोबर से गोवर्धन पर्वत को फूलों से सजाया गया था। जिसके बाद बाजार से गोवारी समाज के सदस्यों ने अनाज उघाई की। इसी अनाज से खिचड़ी बनाकर गौ माता को खिलाई गई।
बछड़े को लांघी गाय
गाय के बच्चे को गोवारी समाज के पूज्यनीय व्यक्ति द्वारा छिपाकर रखा गया। गाय को बछड़ा न दिखने की वजह से वह अपना बछड़ा ढूंढने की कोशिश करने लगी। गाय को बिचकाने के लिए जोर-जोर से शहनाई बजाने लगे और डर से गाय के आमने सामने उसे हमरने के लिए मजबूर करने लगे। देखते ही देखते गाय आक्रोशित हो गई। गाय के बछड़े को गोवर्धन पर लेटा दिया गया, और गाय अपने बछड़े के उपर से लांघ गई। बस फिर खुशियां की छड़ी में एक दूसरे को गोबर का तिलक लगाकर बंधाईयों का दौर शुरु हो गया।
आशीर्वाद देकर गए
अहीर समाज के नवीन यादव, रवि यादव गोरु शंभू यादव, राकेश सहित अन्य लोगों ने बताया की आक्रोशित होकर जब गाय चिलाने लगी मानो ऐसा लगता है कि स्वयं ब्रजवासी गोवर्धन भगवान कृष्ण पूजा स्थल पर आशीर्वाद स्वरुप अपना सूक्ष्म रुप देकर चले जाते हैं।
इनका रहा योगदान
इस पूरे कार्यक्रम मं संतोष कोरड़े, मल्लू कारसर्पे, शंकर कारसर्पे, अशोक वराड़े, सुखराम नागोसे, सुरेश नेवारे, प्रकाश सहारे, राजेश चामलाटे, राजेश सोनवाने, विनय आम्बडारे, रवि राउत, मन्नु राउत, गणेश राउत, अन्तु नेवारे, नरेश नेवारे, हरिप्रसाद नागोशे, गणेश नागोशे, मुकेश नागोशे, सुधीर कालसर्पे, भोला , रमेश नेवारे, पवन कालसर्पे,रमोद गजबे, मनिष चंचाणे, योगेश वाधड़े, अशोक राउत, राजु सोनवाने, डेनी राउत, सुरेश राउत, विज्जु सहित सभी समाज के लोगों का अमूल्य सहयोग रहा।