मंत्री के इस बयान पर बीजेपी के एक नेता ने अपनी राय व्यक्त करते हुए बताया कि देश का शीर्ष कोर्ट स्वतंत्र है। ऐसा नहीं कह सकते कि सुप्रीम कोर्ट किसी के दबाव में है। राम मंदिर का मसला कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट किसी संगठन या राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखता है। मंत्री के इस बयान से कांग्रेस, सपा और बसपा सहित अन्य राजनीति दलों को बैठे-बैठाए एक मुद्दा दे दिया है।
संसद का रास्ता अपनाएगी यह पहली बार नहीं है कि बीजेपी के किसी नेता ने राम मंदिर पर ऐसा बयान दिया है। अभी पिछले महीने ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि यदि जरूरत पड़ी और कोई दूसरा रास्ता नहीं निकला तों केंद्र सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए संसद का रास्ता अपनाएगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि हमारे पास संसद में पर्याप्त ताकत नहीं है। यदि हम इस मामले को लोकसभा में लाते हैं तो भी राज्यसभा में हमारी ताकत कम है और इससे हमे हार मिलेगी। भगवान राम का हर भक्त यह बात जानता है। कोर्ट जल्द ही इस मामले पर फैसला करेगी। जिस दिन हमारी ताकत आएगी इसका इस्तेमाल होगा।