डीजीसी क्रिमिनल संत प्रताप सिंह ने बताया कि सोमवार को साढ़े ग्यारह बजे जमानत पर बहस न्यायालय में शुरू हुई। वन विभाग के अधिवक्ता के साथ बचाव पक्ष के अधिवक्ता बृजपाल सिंह ने भी तर्क रखे। बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख लिया। शाम को सुनाये आदेश में दोनों शिकारियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
26 दिसंबर को कतर्नियाघाट जंगल के मोतीपुर वन क्षेत्र के खपरा वन चौकी के पास ज्योतिंदर सिंह रंधावा व महेश विराजदार को शिकार करते वन कर्मियों ने गिरफ्तार किया था। इनके पास से शिकार किया जंगली मुर्गा व वन्यजीव की खाल, .22 राइफल ब्लेसर जर्मनी, तीन खाली कारतूस व 80 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे। वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल में निरुद्ध किया था।
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