हैविटेट मीटर गेज पर रेल बस का संचालन होने की रूप रेखा तैयार की जा रही। जानवरों की तस्वीरों से सजी रंग बिरंगी रेल बस इज्जतनगर रेलवे यांत्रिक कारखाना में तैयार की जा रही है। ये रेल बस आने वाले दिनों में जल्द ही हैवीटेट रेलवे लाइन पर सरपट दौड़ेगी। इस ट्रेन की संचलन से सेंचुरी रेंज के जंगली जीवों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। तकरीबन छह माह में रेल बस का पटरी पर चलने का अनुमान विभाग के अफसर लगा रहे हैं।
कतर्नियाघाट सेंचुरी क्षेत्र 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। संरक्षित वन क्षेत्र में नेपाली हाथियों के अलावा बाघ, तेंदुआ, चीतल, हिरन, काकड़ सहित तमाम तरह के दुर्लभ वन्यजीवों का ये सबसे ख़ास प्रवास स्थल है।
आप को बता दें कि दुधवा मैलानी-नानपारा रेलवे लाइन कतर्नियां जंगल के बीच से होकर गुजरी है। जिसके चलते आए दिन बाघ, तेंदुए, हांथी , बारासिंघा के साथ ही अन्य तमाम जंगली जानवर रेलगाड़ियों की चपेट में आकर दम तोड़ देते हैं। इसको लेकर वन विभाग ने भी रेलवे विभाग से कई बार विरोध दर्ज कराया था। इसी को लेकर एक वन्यजीव प्रेमी की ओर से न्यायाल में याचिका भी दाखिल की गई थी। जिसपर रेलवे ने सेंचुरी इलाके में ब्राड गेज लाइन की जगह हैविटेट मीटर गेज पर रेल बस चलाने का अस्वासन दिया था। तीन वर्ष पूर्व गोंडा से बहराइच के मध्य मीटर गेज लाइन को ब्राडगेज में परिवर्तित किया जा चुका है। वन विभाग के विरोध व जंगली जीवों की मौत को देखते हुए सरकार ने मैलानी जंक्शन तक रेल लाइन को ब्राड गेज में न परिवर्तित करने का फैसला किया है।