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परिजनों का आरोप, डॉक्टरों ने इलाज करने से किया मना, बच्ची की चले गई जान

locationबहराइचPublished: Sep 12, 2018 03:57:46 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

परिजनों का आरोप, डॉक्टरों ने इलाज करने से किया मना, बच्ची की चले गई जान

bahraich

परिजनों का आरोप, डॉक्टरों ने इलाज करने से किया मना, बच्ची की चले गई जान

बहराइच. जिला अस्पताल के डॉक्टरों के ऊपर एक बच्ची का इलाज न करने का संगीन आरोप लगा है। पीड़ित परिजनों के मुताबिक उनकी मासूम बच्ची डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ज़िन्दगी की जंग हार गई। आरोप है कि तेज बुखार से पीड़ित इस बच्ची को डॉक्टरों ने देखने के बजाय ये कहते हुए साफ इंकार कर दिया की हमारे पास वैसे ही बहुत सारे मरीज़ हैं, हम किस किस का इलाज करें। आंखों में आंसू के साथ बिलखते हुए पीड़ित मां ने धरती के भगवान कहे जाने वालों डॉक्टरों पर ये इल्जाम मढ़ा है। मासूम बच्ची की मौत के बाद उसके शव को आनन फानन में प्राइवेट गाड़ी में लदवाकर अस्पताल से भिजवा दिया गया। वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अोपी पाण्डेय सारे आरोपों को झूठा करार देते नजर आ रहे हैं।

जिला अस्पताल परिसर में बिलखती इस मां की मासूम बच्ची अब इस दुनिया में नहीं। इसकी वजह है उन सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही जिन्हें सरकार गरीबों का इलाज करने के लिए मोटी तनख्वाह देती हैं। आपको बता दें कि थाना रिसिया इलाके के लालपुर नीरामउ के रहने वाले शत्रुहन की 12 वर्षीय बेटी बुखार से पीड़ित थी आज जब बेटी का बुखार ज़्यादा बढ़ गया तो बेटी को जिला अस्पताल लाया गया। आरोप है कि जिला अस्पताल लाने पर यहां डॉक्टरों ने मासूम को देखना तक मुनासिब नहीं समझा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने 100 रुपये की मांग भी की थी जिसे ये गरीब परिवार नहीं दे पाया।
बुखार से तड़पती बच्ची की बिगड़ती हालत देख मां ने एक डॉक्टर से उसे देखने के लिए जब मिन्नतें की तो डॉक्टर साहब ने ये कहते हुए उसे झाड़ते हुए मना कर दिया कि मेरे पास वैसे भी बहुत सारे मरीज़ है किस किस को देखूं। ये सब होता रहा और अस्पताल कैंपस में मासूम ने इसी लेट लतीफी में अपनी मां की गोद में तड़प तड़प के दम तोड़ दिया। वहीं जैसे ही बच्ची की मौत की भनक अस्पताल प्रशसान के कानों में पहुंची तो अपना दामन बचाने की खातिर आनन फानन में प्राइवेट गाड़ी मंगवा कर बच्ची के शव को उसके परिजनों के साथ अस्पताल से उसके घर को भिजवा दिया। लेकिन इस मसले पर जिला अस्पताल के सीएमएस इलाज में लापरवाही की बात को पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं।
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