ये ज्वलंत तस्वीर सरकार की योजनाओं की हकीकत को आईना दिखाने के लिये स्वयं में काफी है। सबसे बड़ी चौकाने वाली बात ये है कि ये नजारा यूपी की बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास मंत्री अनुपमा जयसवाल के गृह जनपद वाले जिले का है। जिनके कंधों पर सूबे के नौनिहालों की बेहतर परवरिश का जिम्मा है।
उसके बावजूद रुपईडीहा बार्डर पर बच्चों के द्वारा नेपाल के रास्ते भारत में कराया जा रहे शराब तस्करी के धंधे पर किसी मायने में लगाम नहीं कस पा रहा है। जिस उम्र में बच्चों के हाथों में खिलौने और पीठ पर स्कूल बैग होना चाहिए उस उम्र में यहां बच्चों के बदन में शराब की बोतलों को भरकर नेपाल से भारत में शराब की तस्करी का खुला खेल खेला जा रहा है।
उस जिले की अंधेरगर्दी का आलम देखिये की यहां के भारत नेपाल बार्डर पर जमें तमाम शराब माफिया अपने गोरखधंधे को परवान चढ़ाने के लिये नन्हें मुन्हें बच्चों को कैरियर बनाकर एक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर बेखौफ तरीके से अवैध शराब की तस्करी का धंधा चमकाए हुए हैं।
गृह मंत्रालय की तरफ से बार्डर की सुरक्षा एवं संवेदन शीलता को भांपते हुये रुपईडीहा बार्डर पर 24 घण्टे अराउंड द क्लॉक एसएसबी, कस्टम, इमीग्रेशन चेकपोस्ट, सिविल पुलिस के अलावा तमाम तरह की अन्य कई खूफिया एजेंसियों का तगड़ा जाल इस संवेदनशील सरहद पर बिछाया गया है। जिसपर सरकार के खजाने से लाखों करोड़ों रुपये का सरकारी खर्च पानी की तरह बहाया जा रहा है।