यहां से मातम के साथ ताजियादार नई बाजार होते हुए ईदगाह पहुंचे जहां पर ताजियों के दफन का सिलसिला जारी रहा। इकौना क्षेत्र के ताजियेदारों ने अपने अपने ताजिये को सेमगढ़ा स्थित नहर व इकौना स्थित कर्बला में वही गिलौला क्षेत्र के मोहम्मदापुर, दर्जीपुरवा, साईपुरवा, मांजरे, गोड़ारी आदि स्थानों से आए ताजियेदारों ने अपने क्षेत्र के कर्बला में ले जाकर ताजिया दफन किया।
वही सिरसिया क्षेत्र के गुलरा व जमुनहा के बदला व नासिरगंज सहित जिले के अन्य हिस्सों में जगह जगह ताजियेदारों ने गमगीन माहौल में मातम के साथ अपने अपने घरों से ताजिया ले जाकर नजदीकी ईदगाहों पर दफन किया। मोहर्रम पर भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने संवेदनशील स्थानों पर पुलिस के साथ साथ पीएसी की टुकड़ियों को भी लगाया जिससे कही कोई अराजकता न फैलने पाए। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरे भी लगाए। इसके साथ ही साथ डीएम और एसपी लगातार जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा भी करते रहे।
पायकों ने जी भर के भांजी लाठियां मोहर्रम के दिन जहां ताजियेदारों ने अपने अपने घरों से ताजिये ले जाकर ईदगाह में दफन किया। वहीं हिंदू समुदाय के लोग भी किसी से पीछे नहीं रहे। एक तरफ जहां मन्नतें पूरी होने पर जिले में हिंदू समुदाय के लोगों ने मातम के साथ परंपरागत ढंग से ताजिया रखा और मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ सम्मिलित हो अपने अपने ताजिये चौक से ईदगाह ले जाकर दफन किया। वहीं तमाम लोग जिनकी मन्नते पूरी हुई वह भी पायक बन कर मासिया गाते हुए ताजिये के साथ साथ लाठियां भांजते देखे गए।