छप्पर में अचानक आग लग गई। लपटें देखकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए। बाद में जोबनेर नगरपालिका से दो दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।
इसी दौरान बालिकाओं के परिजनों ने तीनों बालिकाओं के यहां खेलने की बात बताई तो प्रशासन व ग्रामीणों ने छप्पर में ढूंढा, जहां तीनों के शव एक कोने में मिले। हादसे का शिकार बनी कुसुम (6) पुत्री रामकरण गुर्जर, मोनिका (5) पुत्री मोहनलाल गुर्जर व ज्योति (3) पुत्री मदनलाल गुर्जर थी। हादसे के समय तीनों बालिकाओं के परिजन खेतों की ओर पशु चराने गए थे।
आग बुझाने में नहीं सुनाई दी आवाज
आग की घटना के बाद तीनों बालिकाएं चिल्लाई लेकिन किसी ने उनकी आवाज नहीं सुनी। ग्रामीण आग बुझाने दौड़कर पहुंच गए, लेकिन किसी को उनके वहां खेलने की जानकारी नहीं होने से वो मौत का शिकार बन गई।
वहीं बालिकाएं आग से इतनी डर गई कि बचने के लिए दौड़ी भी लेकिन रास्ता नहीं मिलने से अंदर ही एक कोने में दुबक गई। जहां घटना के दौरान उनके ऊपर छप्पर में लगी पट्टी भी टूटकर आ गिरी।
आग बुझाने के बाद जब उनको ढूंढा गया तो तीनों झुलसी अवस्था में एक कोने में मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों बालिकाओं के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपे।