ठिकरिया टोल प्लाजा पर पलटा गैस टैंकर, सात घंटे तक अटकी रही सांसे
बगरूPublished: Feb 07, 2019 11:36:42 pm
चार क्रेन नहीं उठा पाई, बुलानी पड़ी डेढ़ सौ टन वजनी क्रेन, जयपुर अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसा
ठिकरिया टोल प्लाजा पर पलटा गैस टैंकर, सात घंटे तक अटकी रही सांसे
सत्येन्द्र पोरवाल
बड़के बालाजी/बगरू . जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ठिकरिया टोल प्लाजा के बूथ पर गुरुवार सुबह एलपीजी गैस का टैंकर पलट गया। गनीमत यह रही कि टैंकर से गैस का रिसाव नहीं हुआ, वरना भयानक तबाही हो जाती। सुबह नौ बजे हुए इस हादसे के बाद दिनभर चली मशक्कत के बाद दोपहर साढ़े तीन टैंकर को सीधा किया गया। इसके बाद वहां मौजूद टोल अधिकारियों ,पुलिस व दमकलकर्मियों सहित अन्य लोगों की सांस में सांस आई।
जानकारी के अनुसार सुबह अजमेर की ओर से तेज गति में टैंकर आ रहा था। इसी दौरान टोल प्लाजा पर आगे चल रही कार ने टोल पर्ची कटाने के लिए कार धीमे की तो पीछे आ रहे टैंकर के चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और कार को टक्कर मारते हुए टैंकर पलटी खा गया। गनीमत यह रही कि टैंकर कार पर नहीं गिरा नहीं तो जनहानि हो जाती। हादसे में टैंकर चालक का पैर कट गया व उसे तुरन्त सवाई मानसिंह अस्पताल रैफर किया गया। कार में बगरू क्षेत्र के निकट उगरियावास गांव से कुमावत परिवार के चार जने सवार थे। हादसे में नन्ही बालिका के सिर व महिला के कन्धे पर चोट आई। उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया।
सुबह से हो गई शाम, तब खुला जाम
जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ठिकरिया टोल प्लाजा के बूथ पर गुरुवार सुबह जैसे ही टैंकर पलटा तो अफरा तफरी मच गई। ठिकरिया टोल से अजमेर व जयपुर की ओर आने वाले वाहनों को रेड लाइटों पर रोकने व यातायात डायवर्ट करने के निर्देश दिए गए। यातायात का दबाव कम करने के लिए वाहनों को बिना टोल शुल्क लिए रवाना किया गया।
36 टन एलपीजी गैस भरी थी टैंकर में
इधर, टोल पर टोल प्रबन्धन, पुलिस कर्मी, इंडियन ऑयल कम्पनी के कर्मी व अग्निशमन विभाग से मय दल बल के अमला मौके पर अपनी-अपनी भूमिका को अंजाम देने में जुट गया। हर कोई को इस बात कि चिन्ता थी कि जैसे भी हो लिक्विड पेट्रोलियम गैस से भरा टैंकर सुरक्षित खड़ा कर दिया जाए, टैंकर में 36 टन एलपीजी गैस भरी हुई थी और सबको यह खतरा था कि कहीं कोई अप्रिय घटना ना हो जाए।
टैंकर पर फोग का छिड़काव
अग्निशमन की टीम ने शुरुआत में ही टैंकर पर फोग का छिड़काव कर दिया ताकि टैंकर का इंजन गर्म रहने से गैस को कोई नुकसान ना पहुंचा सके। टैंकर को खड़ा करने के लिए छोटी चार क्रेन जब सफल नहीं हो पाई तो जयपुर से डेढ़ सौ टन वजनी क्रेन मंगाई गई।
बाल-बाल बची जान
उगरियावास निवासी कैलाश कुमावत पत्नी सावित्री, भतीजे सहदेव व पोती भव्या के साथ कार में गजसिंहपुरा जा रहे थे। टोल पर जैसे ही वाहन धीमा किया कि पीछे से आए टैंकर ने उनकी कार को जोरदार टक्कर मार दी। इससे पोती व पत्नी को चोट आई, लेकिन शुक्र है कि सबकी जान बच गई। हालांकि हादसे में टैंकर चालक होरीलाल का पैर कट गया।