जानकारी के अनुसार जयपुर रेलवे स्टेशन का रिमॉडलिंग कार्य पूरा होने के बाद रेलवे प्रशासन की मंशा है कि जयपुर-रींगस रेलमार्ग पर 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर रेलगाड़ी चलाना चाहता है। हालांकि रेलवे प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है, लेकिन तैयारियां इसी लिहाज से की जा रही हैं। पिछले एक पखवाड़े से रेलवे अधिकारी व कार्मिक जयपुर-रींगस के बीच बिछाए गए नए टे्रक की जांच में जुटे हुए थे। इसी कड़ी में शनिवार सुबह 9.30 बजे एक डिब्बा लगी टे्न को रवाना किया गया।
डिब्बे में उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर के मुख्य अभियंता (निर्माण) अनिलकुमार विजय, मुख्य अभियंता (रेल) अनिलकुमार, उप मुख्य अभियंता मनोज सिंह, एक्सईएन रवि कुलहरि समेत रेलवे टे्रक, निर्माण एवं सिंग्नल समेत संबंधित विभागों के अधिकारी व कार्मिक सवार थे।
बिना रुके निकली रेलगाडी
इंजन के साथ एक डिब्बा जुड़ी रेलगाडी जयपुर से रवाना होकर ढेहर के बालाजी, नींदड़ बैनाड़, भट्टों की गली, चौमूं-सामोद, लोहरवाड़ा, गोविन्दगढ़, छोटा गुढ़ा रेलवे स्टेशनों पर बिना रुके सुबह करीब 10.32 बजे रींगस पहुंच गई। चौमूं से यह रेलगाडी 10.09 बजे निकली। वापसी में यह रींगस स्टेशन से रवाना होकर जयपुर पहुंची। इस दौरान रेलवे स्टेशन मास्टरों ने न सिर्फ हरी झंडी दिखाई, बल्कि बराबर सिंग्नल भी दिए गए।
रेलवे सूत्रों की मानें तो टे्रक को करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाई। अधिकारियों की नजर में परीक्षण भी सफल बताया। गौरतलब है कि इस रेलगाडी के शुरू होने के बाद हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा ।