चौमूं/गोविन्दगढ़ (CRIME). जयपुर ग्रामीण के चौमूं उपखंड में संचालित गोविन्दगढ़, कालाडेरा एवं सामोद थाने में स्वीकृत पदों के अनुरूप जाब्ता नहीं होने से न सिर्फ पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त ड्यूटी देनी पड़ती है, बल्कि पुलिस नफरी कम होने से अपराधों (
CRIME) पर अंकुश नहीं लग पाता है। हालांकि पिछले एक महीने से जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शंकरदत्त शर्मा के लगातार मॉनिटरिंग करने से थानों की पुलिस सक्रिय हो गई है। राजस्थान पत्रिका ने इन तीनों थानों में स्टाफ संबंधी जानकारी की सच्चाई पता लगाने का प्रयास किया तो सामने आया कि सबसे ज्यादा कमी कांस्टेबलों की है।
सूत्रों के अनुसार जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के अधीन चौमूं उपखंड क्षेत्र के गोविन्दगढ़, कालाडेरा एवं सामोद थाना संचालित है। इनके अधीन आधा दर्जन पुलिस चौंकियां भी हैं। इसमें गोविन्दगढ़ थाना जयपुर-सीकर बॉर्डर पर जयपुर ग्रामीण का अन्तिम थाना होने एवं जयपुर-बीकानेर राजमार्ग का भार है। गोविन्दगढ़ थाने के थानाधिकारी पृथ्वीपाल सिंह के सीआई बनने पर 19 जुलाई से यह पद खाली था, जिस पर 17 अगस्त को नए थानाधिकारी के रूप में अरविंद भारद्वाज को लगा दिया। इस दौरान थाना प्रभारी का अतिरिक्त कार्यभार खेजरोली चौकी इंजार्च धर्मेन्द मीणा ने संभाला था।
गोविन्दगढ़ थाना: एक कांस्टेबल पर 3 गांव व दो बीटों का भारगोविन्दगढ़ थाने (
Govindgarh) में एक थानाधिकारी, एक एसआई, पांच एएसआई व 29 कांस्टेबल के पर स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में चार एएसआई व 10 कांस्टेबलों के पद रिक्त हैं। इसके अलावा जांच अनुसंधान में लापरवाही का आरोप लगने पर पिछले दिनों खेजरोली चौकी प्रभारी शिवलाल को निलंबित एवं चौकी में तैनात पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था। इसके बाद से खेजरोली चौकी में पुलिस लाइन के जवान कार्यरत हैं। चौकी को स्थाई स्टाफ नहीं मिला है। इसके अलावा हस्तेड़ा चौकी भी है। गोविन्दगढ़ थाने पर हस्तेड़ा व खेजरोली चौकी का भार होने के साथ ही 53 गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। गांवों में शांति व्यवस्था बनाए रखने एवं अपराध की रोकथाम के लिए थाना क्षेत्र मेें 38 बीट बना कर प्रत्येक बीट पर एक बीट अधिकारी (
Beat officer) को नियुक्त कर रखा है, लेकिन वर्तमान में नफरी की कमी होने के कारण एक-एक कांस्टेबल पर तीन गांवों एवं दो बीटों का भार है। ऐसे में बीट अधिकारी समय पर गांवों में नहीं पहुंच पा रहा है।
सामोद थाना: एएसआई व 5 कांस्टेबलों के पद रिक्तसामोद थाने (
Samod) में एक एसआई, छह एएसआई, पांच हैडकांस्टेबल एवं 33 कांस्टेबलों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से पांच एएसआई एवं 5 कांस्टेबलों के पद रिक्त हैं। थाने की जाटावाली चौकी में एक एसआई एवं छह कांस्टेबलों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन एसआई और दो कांस्टेबलों के पद रिक्त चल रहे हैं। 1998 में क्रमोन्नत हुए सामोद थाने के अधीन 25 गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। वहीं थाना क्षेत्र से चौमूं-चंदवाजी एवं चौमूं-अजीतगढ़ स्टेट हाइवे गुजरते हैं।
कालाडेरा थाना: 44 गांवों की जिम्मेदारीचौमूं-रेनवाल मेगा स्टेट हाइवे पर स्थित कालाडेरा थाने (
Kaladera) में एक एसआई, दो एएसआई, पांच हैड कांस्टेबल और 26 कांस्टेबलों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से एक एसआई व कांस्टेबलों के 7 पद रिक्त हैं। इस थाने के अधीन कालाडेरा कस्बा चौकी व जालसू चौकी संचालित है। कालाडेरा कस्बा चौकी में एक एएसआई व सात कांस्टेबलों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन एएसआई व 4 कांस्टेबलों के पद रिक्त हैं। इसी तरह जालसू चौकी में एक एसआई व कांस्टेबल के छह पद रिक्त है, लेकिन चौकी प्रभारी समेत दो कांस्टेबलों के पद रिक्त हैं।
दिन में दो से तीन बार एस्कोर्टगोविन्दगढ़ जयपुर-सीकर सीमा पर जयपुर ग्रामीण का अन्तिम थाना होने एवं थाना क्षेत्र से जयपुर-बीकानेर हाइवे से गुजरने वाले वीवीआईपी, हार्डकोर अपराधी को लाने ले जाने सहित मंत्रियों के लिए थाना स्टाफ को अक्सर कई बार एक ही दिन में तीन से चार बार एस्कोर्ट (
Escort) देनी पड़ती है। ऐसे में नफरी में कमी होने के कारण व एस्कोर्ट में पुलिस अधिकारियों के चले जाने पर कई बार थाना क्षेत्र में पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाती है। नतीजतन कार्यरत पुलिसकर्मियों को आमजन के रोष का सामना करना पड़ता है। पिछले दो सप्ताह से थाना क्षेत्र में बच्चा चोर आने की अफवाह ने भी पुलिस की नींद उड़ा रखी है।
यह पड़ता है असरथाने में नफरी की कमी होने के कारण समय पर गश्त नहीं होने से चोरी सहित अन्य कई प्रकार की वारदात भी सामने आ रही है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था को कायम रहने के साथ ही अपराध (
CRIME) पर रोकथाम, यातायात व्यवस्था, गश्त, राजमार्ग पर एस्कोर्ट, कोर्ट के समन तामिल करवाना, अपराधियों की धरपकड़, विभिन्न एक्ट के तहत कार्रवाही, नाकाबंदी, थाने में दर्ज मामलों पर अनुसंधान एवं कोर्ट में उचालान पेश करना सहित अनेक कार्यों का जिम्मा है। ऐसे में थाने में नफरी की कमी के कारण पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त कार्य करने के साथ ही थाना क्षेत्र में अपराध पर पूर्ण रोकथाम नहीं लग रही है।
इनका कहना हैथाने मेें थानाधिकारी सहित नफरी को जल्द ही पूर्ण किया जाएगा। साथ ही जयपुर ग्रामीण में पुलिस की छवी को सुधारने एवं अपराध की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठावे जाएगा।
शंकर दत्त शर्मा, पुलिस अधिक्षक, जयपुर ग्रामीण