कालेज में ही अफसर बनने की ठान ली थी
रूपल राणा ने आगे कहा, “जब मैं कालेज में थी, तभी मैंने तय किया था कि मैं यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनना है। मेरे माता-पिता इस मेरे जीवन में अहम कड़ी रहे, जिनकी वजह से मैं यह सफलता हासिल कर पाई हूं। जब भी मैंने कभी भी उतार-चढ़ाव महसूस किया, मेरे माता-पिता ढाल बनकर मेरे साथ खड़े रहे।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने चौथी बार में इस एग्जाम को क्लियर किया है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को मेरी सलाह है कि वे आज के दौर में परीक्षा की तैयारी में डिजिटल और सोशल मीडिया की मदद ले सकते हैं। आपको कई अटेम्प्ट एक्जाम देने होते हैं, इसलिए आप अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहें।
वहीं रूपल राणा की छोटी बहन स्वीटी राणा ने इंटरव्यू में कहा कि कि आज उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बड़ी बहन ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। वह पिछले कई सालों से लगातार मेहनत कर रही थी। माता-पिता का हमेशा सहयोग रहा है, लेकिन दुख की बात यह है कि इस खुशी के मौके पर उनकी मां आज उनके साथ नहीं हैं। इस कामयाबी में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अगर वो आज साथ होतीं तो ये खुशी दोगुनी हो जाती।
इतने बड़े एग्जाम क्लियर करने वाली परिवार पहली
वहीं रूपल राणा के छोटे भाई ऋषभ राणा का कहना है कि आज परिवार में बहुत ही खुशी का दिन है। उनकी बहन ने काफी मेहनत की थी। पहले तीन परीक्षाओं में उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। वह काफी निराशा रहती थीं, लेकिन हम दोनों भाई-बहनों ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आज उन्होंने यह परीक्षा पास करके परिवार के लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है। ऋषभ ने कहा, “पहली बार मेरे परिवार में किसी ने इतने बड़े एग्जाम को क्लियर किया है। मैं भी अपनी बड़ी बहन से बहुत कुछ सीखता हूं।”
कुछ महीने पहले ही दुनिया छोड़कर चली गई थीं रूपल मां
वहीं, रूपल राणा के पिता जसवीर सिंह राणा का कहना है कि आज उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बेटी ने यूपीएससी की परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल की। उसने अपने पिता का नाम रोशन किया है। बेटी ने दिन-रात मेहनत की। वह चार-पांच साल तक लगातार 14-15 घंटे पढ़ाई करती थी। बेटी की यूपीएससी तैयारी में उसकी मां का बड़ा योगदान था। उन्होंने कहा, “बीते दिनों हार्ट अटैक से मेरी पत्नी की मौत हो गई थी। अगर पत्नी साथ होतीं तो यह खुशी दोगुनी हो जाती।”