ग्रामीणों को कर रहे प्रोत्साहित विदेशों में अच्छी मांग के चलते वन विभाग आदिवासी अंचलों में जाकर महुआ उत्पादन और संकलन के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। जंगलों से चुना गया विशेष क्वालिटी का महुआ ही निर्यात हो पाता है। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से विदेश कंपनी को 110 रुपए किलो महुआ खरीदा।
2.59 लाख महुआ वृक्ष खंडवा वन मंडल में 1.67 लाख हेक्टेयर में 2.59 लाख महुआ के वृक्ष मौजूद हैं। इसमें से आधे वृक्षों से महुआ का उत्पादन हो रहा है। असल में महुआ उत्पादन योग्य वृक्ष मात्र 50 प्रतिशत हैं। इनकी संख्या 1.29 लाख हैं।
जाली का प्रयोग – दरअसल विदेशों को भेजने वाले महुए के संग्रहण के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया गया। ग्रामीण विशेष जाली का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे महुआ जमीन पर गिरने नहीं पाता है और उसके फूलों में मिट्टी भी नहीं लगती है।
महुए की डिमांड विदेश में अच्छी है। अच्छी क्वालिटी का 540 क्विंटल महुआ इंग्लैंड भेजा है। । अब तक महुआ से 46 करोड़ रुपए का व्यवसाय विभाग ने किया है। – रमेश गनावा, मुख्य वन संरक्षक, खंडवा मंडल