कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि ने बताया कि जनपद में अपराध के मामलों में काफी कमी आयी है, गैंगेस्टर की भी कार्यवाही की जा रही है। जब्तीकरण गुंडा एक्ट, 107/116 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। इस पर प्रमुख सचिव ने पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि को निर्देशित करते हुए कहा कि धारा 107/116 को निस्तारण करने हेतु संयुक्त रूप से उप जिलाधिकारी व सीओ की टीम बनाये।
उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था के अन्तर्गत वाहन की चेकिंग अभियान चलायें और जो वाहन काफिले में चलते हैं, यदि उस काफिले में किसी भी वाहन के शीशे पर काली फिल्म पायी जाती है तो उस पर कड़ी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने विकास कार्यक्रमों में कर-करेत्तर राजस्व संग्रह, भू माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही, राजस्व वादों का निस्तारण, लोकवाणी/जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से जारी होने वाले राजस्व विभाग की सेवायें, सम्पूर्ण समाधान दिवस, चकबंदी वादों का निस्तारण, आईजीआरएस, चिकित्सकों/दवाओं की उपलब्धता, एम्बूलेंस सेवायें, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, राज्य/14वां वित्त आयोग, 181 महिला हेल्पलाइन योजना, मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, पीएमजीएसवाई, राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, नगरीय स्ट्रीट लाइट, अपशिष्ट प्रबन्धन, कक्षा 8 तक के सभी छात्रों को किताबें/यूनीफार्म का वितरण, छात्रों का नामांकन, ट्रांसफार्मरों का प्रतिस्थापन, नये विद्युत कनेक्शन के लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति (सौभाग्य योजना), पारदर्शी किसान सेवा योजना, डीबीटी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट यूनिट स्थापना संबंधी कार्यक्रम, खाद्य/बीज की उपलब्धता, फसल ऋण मोचन योजना, प्रधानमंत्री फसल ऋण बीमा योजना, आईसीडीएस, 50 लाख से अधिक अन्य निर्माण कार्यां की समीक्षा (सड़क को छोड़कर), अवैध खनन के विरूद्ध कार्यवाही, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, खुले मे शौचमुक्त घोषित ग्रामों की प्रगति, नहरों में टेल तक पानी पहुंचाना, सिल्ट सफाई तथा वृक्षारोपण की बिन्दुवार समीक्षा की।
समीक्षा के बाद प्रमुख सचिव ने आजमगढ़ का सुनियोजित विकास करने के लिए अपनी कार्ययोजना के अनुसार संबंधित अधिकारियों को कार्य करने के लिए निर्देश दिये। उन्होने आजमगढ़ शहर की सफाई व्यवस्था तथा चुस्त-दुरूस्त करने तथा जगह-जगह प्रमुख स्थानो पर डस्टबीन रखवाने के निर्देश ईओ नगरपालिका को दिया। कूड़ा निस्तारण का प्लान्ट बनाने हेतु डीपीआर को निर्देश दिया। उन्होने ईओ नगर पालिका को निर्देशित करते हुए कहा कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कराना सुनिश्चित करें।
मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट के लिए उन्होने उप निदेशक कृषि को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक ब्लाक में एक यूनिट स्थापित कराना सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ करें। आईसीडीएस के अन्तर्गत अवशेष आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये तथा कूपोषित बच्चों को जरूरत पड़ने पर एनआरसी पर भर्ती करें।
50 लाख से अधिक अन्य निर्माण कार्य (सड़क को छोड़कर) में अवशेष 50 कार्यों को मुख्य विकास अधिकारी को इसका सत्यापन करने के लिए निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा कि जनपद में अवैध खनन कहीं नही होना चाहिए तथा नहरों में पानी टेल तक पहुंचाने के लिए रोस्टर बनायें। चकबन्दी वादों के निस्तारण में उन्होंने डीडीसी को निर्देशित करते हुए कहा कि 5 साल से अधिक पेंडिंग केसों को जल्द से जल्द निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। सीएमओ को निर्देशित करते हुए कहा कि एक टीम बनाकर अस्पताल/सीएचसी/पीएचसी और आंगवाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण करायें जो कर्मचारी अनुपस्थित पाये जायें तो उनके खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक रवि शंकर छवि, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार उपाध्याय, मुख्य राजस्व अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व बीके गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक दुर्गादत्त शुक्ल, उप संचालक चकबन्दी, डीसी एनआरएलएम वीके मोहन, डीसी मनरेगा वीवी सिंह, उप कृषि निदेशक डॉ आरके मौर्य, डिप्टी आरएमओ, सीएमएस महिला अस्पताल डॉ अमिता अग्रवाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय, डीएसटीओ डॉ अर्चना सिंह, डीपीआरओ आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव, डीएसओ, बीएसए, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
By- रणविजय सिंह