रीजनल कनेक्टिविटी योजना ’उड़ान’ पीएम मोदी ही नहीं बल्कि सीएम योगी की भी महत्वाकांक्षी योजना है। यूपी की सत्ता में आने के बाद यह बीजेपी की पहली घोषणा है और सरकार ने अगस्त 2019 के पूर्व यहां से उड़ान शुरू करने का दावा किया है। इसके तहत कार्य भी तेजी से चल रहा है। मंदुरी हवाई पट्टी को एअरपोर्ट के रूप में विकसित करने का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। रनवे का विस्तार हाल में ही पूरा हुआ है।
प्रशासन की नजर अब उड़ान में बाधा बन रहे भवन व अन्य अवरोधों को हटाने पर है। उड़ान क्षेत्र में बाधक चिह्नित मकानों का मुआवजा मार्च में ही मकान मालिकों को दिया जा चुका है लेकिन भवन अभी तक मकान नहीं हटाए गए है। जबकि भवन स्वामी विमलावती पत्नी संतलाल (22 लाख 21 हजार 459 रुपये), सुदामी पत्नी रामनरेश (17 लाख, 83 हजार, 738 रुपये), गीता पत्नी जगमोहन (17 लाख, 83 हजार, 738 रुपये), भजुराम पुत्र राजदेव (47 लाख 47 हजार 277 रुपये) पूर्व में मुआवजा दिए जा चुके हैं। 31 मई को जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी के आदेश पर ओएलएस रिपोर्ट में चिह्नित अवरोधों को हटाने के लिए शासन ने मार्च में ही निर्मित स्ट्रक्चर का भुगतान कर दिया गया है।
एसडीएम सगड़ी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि संबंधित मकान मालिकों को नोटिस जारी की गई है। उन्हें सख्त निर्देश दिया है कि तीन दिन के अंदर अपने-अपने भवन हटाना सुनिश्चित करें, अन्यथा प्रशासन द्वारा पुलिस बल की उपस्थिति में बिल्डिग को हटाया जाएगा। इसमें जो भी खर्च आएगा वह उन मकान मालिकों से भू-राजस्व की भांति वसूली की जाएगी। प्रशासन की इस सख्ती के बाद माना जा रहा है कि भवन एक दो दिन में हट जाएंगे और निर्धारित समय पर आजमगढ़ से कम से कम लखनऊ के लिए उड़ान शुरू हो जाएगी।