कारण कि मुलायम सिंह यादव फिर मैनपुरी से चुनाव लड़ सकते है। वर्ष 2014 के चुनाव में मुलायम सिंह आजमगढ़ और मैनपुरी से सांसद चुने गए थे। उन्होंने बाद में मैनपुरी से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद तेज प्रताप यहां से चुनाव लड़कर सांसद बने थे। अब मुलायम के चुनाव न लड़ने की स्थित में उन्हें आजमगढ़ से लड़ाने की चर्चा शुरू हो गयी है। खुद तेज प्रताप ने भी कहा है कि पार्टी का जहां से निर्देश होगा वे वहीं से चुनाव लड़ेगे। तेज प्रताप के दौरे के बाद टिकट के दावेदारों के माथे पर सिकन साफ दिख रही है।
आजमगढ़ सीट से समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री बलराम यदव, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हवलदार यादव टिकट की दावेदारी कर रहे है। मजेदार बात है कि ये तीनों नेताओं का अपना-अपना अलग गुट है। दुर्गा और बलराम पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके है। दोनों नेता पर एक दूसरे को हराने का भी आरोप लग चुका है। ऐसे में सपा मुखिया के लिए टिकट का फैसला आसान नहीं होने वाला है।
पिछले चुनाव में भी सपा से यही दावेदार थे। सपा ने पहले बलराम यादव को टिकट दिया। बाद में हवलदार यादव को प्रत्याशी बनाया गया लेकिन गुटबंदी को देखते हुए खुद मुलायम सिंह को यहां से मैदान में उतरना पड़ा। गुटबंदी का ही परिणाम था कि मुलायम सिंह के पूरे कुनबे को प्रचार के लिए मैदान में उतरना पड़ा। इसके बाद भी मुलायम िंसह मात्र 63 हजार से जीते।
राजनीति के जानकारों का मनना है कि सपा मुखिया इस गुटबंदी से निपटने के लिए एक बार फिर अपने परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतार सकते हैं। तेज प्रताप का दौरा इसी परिपेक्ष में देखा जा रहा है। कारण कि उनका चुनाव लड़ना तय है और मुलायम के लिए मैनपुरी से सुरक्षित दूसरी सीट नहीं हो सकती।
By Ran Vijay Singh