उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान गन्ना बोना छोड़ दें। गन्ना से सूगर पैदा होता है। इस बयान से किसानों के दिल पर बड़ी चोट पहुंची। आज गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपया मिलों पर बकाया है। किसान धान रोपाई के लिए कर्ज लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री जी बिल्कुल संवेदनशून्य हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारों में बैठे लोग अपनी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं, क्योंकि पूंजीपतियों की मदद लेने वाले लोग उनके विरूद्ध कोई फैसला नहीं ले सकते। केन्द्र में विधि न्याय मन्त्री (कानून मन्त्री) रविशंकर प्रसाद ने यह बयान देना पेट्रोलियम व गैस पदार्थों में वृद्धि को सरकार नहीं कम करती है। इससे साफ स्पष्ट है कि यह सरकार जनता को धोखा दे रही है। भाजपा के खाने के दांत और दिखाने के दांत और है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने भ्रष्टाचार की सीमा पार कर दी है। शिक्षकों की भर्ती में जिन लोगों ने फार्म नहीं भरा था उनको नियुक्ति पत्र मिल गया जो लोग परीक्षाएं दिये थे उनकी उत्तर पुस्तिका में गोलमाल कर जिसको 120 नम्बर मिला था, उसे 20 कर दिया गया। जो 28 नम्बर पाये थे उनको 98 नम्बर देकर पास कर दिया गया। जब इस बात का खुलासा हुआ तो इस भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सरकार के इशारे पर कापियॉ जला दी गयी। देश-प्रदेश में आर्थिक अराजकता का माहौल है। कानून की धज्जियॉ उड़ाई जा रही है। कानून व्यवस्था बद से बदतर हो गयी है। इस सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है।
BY- RANVIJAY SINGH