अभी तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन से जुड़े विभागीय अधिकारियों के सामने खाद्य पदार्थो की जांच की समस्या थी। यह दुकानों पर जाकर नमूना लेते थे। इसके बाद जांच के लिए सैंपल अन्य जिले यानी लखनऊ आदि बड़े शहरों में स्थित लैब में जांच के लिए भेजते थे। रिपोर्ट आने में कभी-कभी पखवारा व महीने लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यापारी की भी धड़कनें बढ़ जाती थीं कि जांच में पता नहीं क्या आएगा। इतना ही नहीं जांच के भय से कई बार दुकान अपना सामान जमीन पर फेंक देते हैं तो वहीं दूधिया कई कि्ंवटल दूध नाली में बहा देते हैं। इसके पीछे जांच का भय रहता है।
जनता के लिए राहत इस बात की है कि वह मिलावट की शिकायत करता है। जांच भी होती है पर रिपोर्ट की जानकारी उसे नहीं हो पाती है। कई बार तो विभाग व कारोबारी ही इस चीज को समझ पाता है। बहरहाल, फौरी कार्रवाई से परिणाम भी उसे तत्काल दिख जाएंगे।
शासन से चार फूड सेफ्टी ऑन ह्वील मोबाइल वाहन मिला है। यह पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस वक्त सभी वैन कुंभ मेला की वजह से प्रयागराज में हैं। मेला समाप्त होते ही यह जिलों को रोस्टरवार मिलेगा। अधिकारी अपने साथ इसको लेकर चल सकेंगे। मौके पर जांच होगी व रिपोर्ट भी दी जाएगी।
वैन में एक एसी, एक माइक्रोवेव ऑवन, एक फ्रिज, कंप्यूटर, एलसीडी, प्रिंटर आदि कई बिजली के उपकरण लगे हुए हैं। ये सभी उपकरण बिजली से चलते हैं। वैन को पांच किलोवाट लोड की जरूरत होती है। वैन में एक टेक्निकल अफसर और एक लैब अटेंडेंट के अलावा एक चालक होगा।
एफएसडीए के अभिहित अधिकारी डा. दीनानाथ यादव का कहना है कि वैन में दूध से बने हुए खाद्य पदार्थो, फास्ट फूड, पैकेज्ड वाटर आदि की जांच की जाएगी। इसके लिए ग्राहक को मात्र 20 रुपये प्रति टेस्ट के हिसाब से शुल्क देना होगा। चलती-फिरती इस लैब में ऐसी रिपोर्ट केवल एक घंटे में दी जाएगी, जो दूसरी लैब में कई दिन में दी जाती है। इससे लोगों को यह पता लगेगा कि वह जिस वस्तु का सेवन कर रहे हैं, उसमें फैट, प्रोटीन, स्टॉर्च आदि कितनी मात्रा में है। वह वस्तु खाने के लायक है या नहीं, यह भी लोगों को पता लग जाएगा।
By Ran Vijay Singh