बता दें कि सपा से अलग होने के बाद अभी हाल में शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया है। पार्टी 24 से अधिक छोटे दलों के साथ गठबंधन कर यूपी में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है लेकिन दूसरों को साथ लेकर चलने की बात तो दूर शिवपाल यादव अपनी ही पार्टी को नहीं संभाल पा रहे है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के प्रतिनिधि पूर्व विधायक रामदर्शन यादव को यह सोचकर मंडल प्रभारी बनाया कि वे पार्टी को ऊचाइयों पर ले जाएंगे। जिले के और कई नेताओं को प्रदेश स्तर पर पदाधिकारी बनाया लेकिन ये नेता एक दूसरे का ही पर कतरने में जुटे हैं।
15 जनवरी को मऊ में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम की तैयारी और इसे सफल बनाने की रणनीति तय करने के लिए सठियांव में बैठक बुलाई गयी थी। बैठक मंडल प्रभारी राम दर्शन यादव ने बुलाई थी। बैठक में कुछ नेता पहुंचे तो उन्हें मंच पर जगह नहीं दी गयी। फिर क्या था पार्टी की गुटबंदी सामने आ गयी और उक्त नेता के समर्थक रामदर्शन यादव के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिये। बात यही नहीं रूकी विवाद इतना बढ़ गया कि कार्यकर्ता और नेता प्रदर्शन करते हुए सठियांव चौराहे पर पहुंचे और रामदर्शन यादव का पुतला फूंक दिया।
बृजेश यादव प्रदेश सचिव पिछड़ा वर्ग, नितीश राय जिलाध्यक्ष छात्रसभा, राजकुमार यादव, धर्मेंद्र राजभर, हृदेश, रंजन भारद्वाज, गनेश यादव और विजय राजभर आदि ने आरोप लगाया कि रामदर्शन यादव अपने कुछ खास चहेतों को प्रश्रय दे रहे है बाकि नेता और कार्यकर्ताओं को अपमानित किया जा रहा है। अगर वे अपने रवैये में सुधार नहीं लाते हैं तो इसकी शिकायत शिवपाल यादव से करेंगे।
By Ran Vijay