मण्डलायुक्त ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियन्त्रण नहीं होना प्रतीत होता है। उन्होंने कहा के जहॉं शासन की मंशा किसानों के हितों को सर्वोपरि रखना है वहीं किसानों को सीमांकन हेतु अनावश्यक भाग दौड़ करने से स्पष्ट होता है कि सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी शासन की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति किसी भी दशा में क्षम्य नहीं है। उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियांं से कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि सीमांकन के सभी प्रकरण अगली बुवाई से पहले प्रत्येक दशा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारित हो जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिसमें सीमांकन का आदेश पारित हो जाने के बावजूद अभी तक सीमांकन कार्य नहीं हुआ है उसकी तथा 10 सबसे पुराने लम्बित सीमांकन प्रकरण का विवरण तीन दिन के अन्दर उपलब्ध कराया जाय। इसके साथ ही उपजिलाधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियन्त्रण बनाये रखने के सम्बन्ध में भी समुचित कार्यवाही की जाय।