उप निदेशक पंचायती राज प्रवीण चौधरी के आदेश पर विभाग की ओर से टीम बनाकर नवनियुक्त सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य शुरू करा दिया गया है। सत्यापन के दौरान शैक्षिक प्रमाण पत्रों में कूटरचना आदि पर विशेष पड़ताल के आदेश हैं।
शिकायतकर्ता अंबेडकर नगर के महमूदपुर कोटवा निवासी अनुराग कुमार तिवारी ने अपर मुख्य सचिव पंचायत राज उत्तर प्रदेश को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा है कि इस नियुक्ति में साक्षात्कार की समाप्ति पर माननीय उच्च न्यायालय के रिट संख्या-22157 व रिट संख्या-23589 वर्ष 2016 के कल्पित आदेश का बहाना बनाकर संवैधानिक नियमों की उपेक्षा करके अनियमित ढंग से आयोग ने 15 सितंबर, 2016 को आदेश निर्गत करके 5825 ओबीसी (मात्र पुरुष) अभ्यर्थियों को पुनः सफल घोषित करते हुए 24 सितंबर से 15 अक्टूबर के मध्य साक्षात्कार संपन्न कराया। इतना ही नहीं उच्च न्यायालय लखनऊ के (समय विवाद से संबंधित) रिट सचिदानंद मिश्र बनाम राज्य आदि के आदेश के क्रम में आयोग ने 22 नवंबर, 2016 को आदेश निर्गत कराकर चार दिसंबर, 2016 को पुनः लिखित परीक्षा का आयोजन कराया। परिणाम 16 दिसंबर, 2016 को घोषित हुआ और 504 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। इनका 21 दिसंबर, 2016 को साक्षात्कार हुआ। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार संपन्न कराने के बाद आयोग ने 24 दिसंबर को 3587 सफल घोषित किया। विज्ञापित पद ग्राम पंचायत अधिकारी के लिए आवश्यक योग्यता डोयक (डीओईएसीसी) सोसायटी से कंप्यूटर में सीसीसी सर्टिफिकेट (जो दिनांक 25 जुलाई, 2015 तक ही उत्तीर्ण हो) ही मान्य रही। सफल घोषित अभ्यर्थियों को आननफानन माह जनवरी 2017 से पूर्व में ही अनियमित ढंग से शैक्षणिक अभिलेखों व सीसीसी सर्टिफिकेट को बिना भौतिक सत्यापन कराए नियोक्ता अधिकारी द्वारा मात्र एक शपथ पत्र लेकर ही नियुक्ति दे दी गई। यह नियम का उल्लंघन है। बहरहाल, शिकायत कितना सच है यह सब जांच के बाद ही स्पष्ट हो जाएगा पर वर्तमान में सत्यापन कराए जाने का आदेश कुछ न कुछ गड़बड़ी के संकेत तो दे ही रहे हैं।
बता दें कि वर्ष 2015 के अंतर्गत ग्राम पंचायत अधिकारी सामान्य भर्ती परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया था। 21 फरवरी 2016 को विभिन्न केंद्रों पर परीक्षा आयोजित हुई थी। 28 अप्रैल 2016 को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। 3587 पद के सापेक्ष 14103 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। साक्षात्कार 30 मई से 10 सितंबर 2016 तक हुआ था। 24 दिसंबर 2016 को 3587 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। इस वक्त सभी विभिन्न जिलों में तैनात हैं और सरकारी वेतन भी उठा रहे हैं। जांच में अनयिमितता मिलने पर इनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
BY-Ranvijay Singh