इसे भी पढ़ें लापरवाह सफाईकर्मी को डीएम ने दिया निलंबन का निर्देश निरीक्षण में पाया गया कि परिसर में पुराना भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, वर्तमान में इस भवन की कोई उपयोगिता नही है, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को डिस्पोजल कराने का निर्देश दिया। बाह्य रोग कक्ष में दो चिकित्सक एक नियमित एवं एक आयुष चिकित्सक बैठी थी, जिलाधिकारी द्वारा पूछने पर बताया गया कि यहां पर कक्ष की कमी के कारण दो चिकित्सक एक ही कक्ष में बैठकर मरीजों का उपचार करते हैं। पैथोलाजी कक्ष के निरीक्षण में बताया गया कि वर्ष 2004 से यहां विभिन्न रोगों की जांच की जाती है तथा 30 से 35 मरीजों की जांच प्रतिदिन होती है।
इसे भी पढ़ें आजमगढ़ में बाढ़ क्षेत्रों में पहुंचे डीएम, अधिकारियों को दी हिदायत एक्स-रे कक्ष के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि यहां पर प्रतिदिन 3 से 4 मरीजों का एक्स-रे होता है, किसी प्रकार की कोई समस्या नही बतायी गयी। औषधी भण्डार कक्ष के निरीक्षण के दौरान इस कक्ष में सीलन पायी गयी, इस स्वास्थ्य केन्द्र की दीवाल पर मात्र 7 दवाओं का नाम पेंट से लिखा गया है, किन्तु इन 7 दवाओं में से आज की तिथि में कितनी मात्रा मे कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं, इसका अंकन नही किया गया है। इसपर डीएम ने आपत्ति जताई और व्यवस्था में सुधार कर निर्देश दिया। जिलाधिकारी द्वारा सामुदायिक केन्द्र पर उपस्थित एक वृद्ध व्यक्ति से पूछने पर बताया गया कि उनके परिवार के एक बच्चे को कुत्ता काट लिया है, इंजेक्शन लगवाने के लिए आये हैं, किन्तु अभी तक इंजेक्शन नही लगा है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि कुत्ता काटने से संबंधित अब तक तीन मरीज आये हैं, जैसे ही दो और मरीज आते हैं, इंजेक्शन लगाया दिया जायेगा, क्यांकि इंजेक्शन की शीशी खोलने के बाद खराब हो जाती है।
जिलाधिकारी द्वारा 30 बेड मैटरनिटी विंग का निरीक्षण किया। इस परिसर में काफी गंदगी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि परिसर की सफाई व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें तथा परिसर में वृक्षारोपण भी करायें। एचआईवी कक्ष का निरीक्षण में बताया गया कि लगभग 180 एचआईवी पीजीटिव मरीज हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत पुरूष व 30 प्रतिशत महिला हैं। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्र परिसर की सफाई व्यवस्था की आरे विशेष ध्यान दिया जाय, यह सुनिश्चित किया जाय कि मरीजों को दवायें स्वास्थ्य केन्द्र से ही मिलें। दवाओं की उपलब्धता के संबंध में दीवाल पर पेंट से विवरण अंकित किया जाय।
जिलाधिकारी द्वारा 30 बेड मैटरनिटी विंग का निरीक्षण किया। इस परिसर में काफी गंदगी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि परिसर की सफाई व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें तथा परिसर में वृक्षारोपण भी करायें। एचआईवी कक्ष का निरीक्षण में बताया गया कि लगभग 180 एचआईवी पीजीटिव मरीज हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत पुरूष व 30 प्रतिशत महिला हैं। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्र परिसर की सफाई व्यवस्था की आरे विशेष ध्यान दिया जाय, यह सुनिश्चित किया जाय कि मरीजों को दवायें स्वास्थ्य केन्द्र से ही मिलें। दवाओं की उपलब्धता के संबंध में दीवाल पर पेंट से विवरण अंकित किया जाय।
By Ran Vijay Singh