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कोरोना के कहर के बीच सक्रिय हुए साइबर अपराधी, सरकार की कमजोरियों का फायदा उठा लोगों को बना रहे शिकार

locationआजमगढ़Published: Apr 14, 2020 10:15:34 am

Submitted by:

Neeraj Patel

– साइबर अपराधियों की सक्रियता देख एसपी ने जारी किया एलर्ट- जिले में साइबर अपराधी 4 को बना चुके हैं अपना शिकार- मास्क, सेनिटाइजर, आन लाइन दवा के नाम पर हो रहा फ्राड

कोरोना के कहर के बीच सक्रिय हुए साइबर अपराधी, सरकार की कमजोरियों का फायदा उठा लोगों को बना रहे शिकार

कोरोना के कहर के बीच सक्रिय हुए साइबर अपराधी, सरकार की कमजोरियों का फायदा उठा लोगों को बना रहे शिकार

आजमगढ़. एक तरफ पूरा देश कोरोना के कहर से परेशान है। जिले में तीन कोरोना पाजटिव मिलने के बाद प्रशासन का पूरा ध्यान 50 लाख आबादी को सुरक्षित करने पर लगा है। इस मौके का फायदा उठाकर साइबर अपराधी पूरी तरह सक्रिय हो गए है। पहले वे वाहन बेचने, सिम और एटीएम की क्लोनिंग कर धोखाधड़ी करते थे लेकिन अब उन्होंने सरकार की कमजोरियों को हथियार बनाकर लोगों को लूटना शुरू कर दिया है। कोराना के संक्रमण के बीच मास्क, सेनिटाइजर, दवा की कमी को देखते हुए सरकारी वेबसाइटों की नकल कर सेम साइट बना आनलाइन ठगी कर रहे है। लोग होम डिलेवरी और सस्ते के चक्कर में इनके शिकार बन रहे हैं।

बता दें कि लाक डाउन के कारण मेडिकल स्टोर, खाद्य सामाग्री, अस्पातल को छोड़ बाकी प्रतिष्ठानों को 14 अप्रैल तक बंद करा दिया गया है। कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद से ही पूरे देश में मास्क, सेनिटाइजर से लेकर खाने पीने के सामान तक की कालाबाजारी हो रही है। छोटे शहरों में मास्क और सेनिटाइजर दुकानों से गायब है। वहीं पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई से लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसका पूरा फायदा अब अपराधी उठाने लगे हैं।

पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह के मुताबिक साइबर अपराध से जुड़े अपराधी सरकारी वेबसाइटों से मिलती जुलती वेबसाइट तैयार कर लिये है। जिसपर वे विभन्न योजनाओं के लाभ के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे है। इसके अलावा इन्होंने फर्जी आनलाइन शापिंग साइट बनाकर उसपर फेस मास्क, सैनिटाइजर आदि पर भारी डिस्टाउंट दे रहे है जिससे ग्राहक इनके जाल में फंस जा रहा है। यहीं नहीं साइबर अपराधी अंशदान के नाम पर @pmcare फर्जी upi आईडी बना पैसा स्थानान्तरण करा लोगों के साथ धोखाधड़ी का खेल खेल रहे है। अपराधी खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) या हास्पिटल के नाम पर फोनकर कोरोना किट बेचने तथा आनलाइन कोरोना वायरस के उपचार के नाम पर भी लोगों से पैसा ऐठ रहे हैं। इसके अलावा अपदा प्रबंधन का फर्जी बैंक खाता संख्या सोशल मीडिया पर वायरल कर अपराधी खुद के खाते में पैसा स्थानान्तरण करा ले रहे है।

ठगी का 4 मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने इसे गंभीरता से लते हुए साइबर सेल को सक्रिय कर दिया है साथ ही उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे ममालों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करे। यहीं नहीं ऐसे लोगों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और एसटीएफ को भी सर्तक कर दिया गया है।

कैसे करते हैं जालसाजी

पुलिस अधीक्षक प्रो त्रिवेणी सिंह के मुताबिक इनकी वेबसाइटे पूरी तरह सरकारी वेबसाइटों की कापी होती है। वहीं शापिंग से संबधित वेबसाइट पर बड़े-बड़े आफर दिये जा रहे हैं। लोग इनके आफर के चक्कर में फंसकर जैसे ही सामान की बुकिंग करते हैं आनलाइन पेमेंट का आप्सन आता है। लोग जैसे ही अपना खाता नंबर व अन्य डिटेल देते हैं ये अपराधी सीधे खाते को हैक कर लेते हैं और सारा पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लेते है। इसलिए लोगों को सावधान रहने की जारूरत है।

अपराध का तरीका

– संक्रमण से बचाव हेतु सरकारी वेबसाइट्स से मिलता जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी।
– फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स बनाकर काफी ज्यादा डिस्काउंट पर फेस मास्क और सैनिटाइजर बेचने के नाम पर लोगो की बैंक डिटेल प्राप्त कर धोखाधड़ी।
– अंशदान के नाम पर @pmcare की फर्जी UPI आईडी बनाकर पैसा स्थानातंरण संबंधी धोखाधड़ी।
– WHO या हॉस्पिटल से बताकर लोगो को कॉल करके कोरोनॉ संक्रमण किट उपलब्ध करने के नाम पर धोखाधड़ी।
– ऑनलाइन कोरोनॉ वायरस संक्रमण से उपचार करने के नाम पर धोखाधड़ी।
– आपदा प्रबंधन का फर्जी बैंक खाता संख्या सोशल मीडिया पर वायरल करके उसमें पैसा स्थानांतरण करने संबंधी धोखाधड़ी।

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