बता दें कि मुलायम सिंह यादव के साथ रहते हुए अमर सिंह ने कई बार किंग मेकर की भूमिका निभाई है। यहां तक कि यूपीए सरकार को बचाने में भी अमर सिंह की अहम भूमिका थी। अमर सिंह सपा की मजबूती और कमजोरियों से अच्छी तरह वाकिफ है। अखिलेश सिंह ने अमर के साथ जिस तरह का व्यवहार किया उससे उनकी नाराजगी भी बढ़ी हुई है। शिवपाल भी अमर िंसंह के करीबी माने जाते है। अमर िंसह अगर चाहेंगे तो उनका इस्तेमाल बीजेपी के पक्ष में कर लाभ पहुंचाने में सक्षम हैं। इसके अलावा राजा भइया और अन्य बाहुबलियों से अमर का अच्छा रिश्ता है जो बीजेपी को लाभ पहुंचा सकता है।
अमर सिंह लगातार बीजेपी सरकार का गुणगान करते रहे है। खासतौर पर वे मोदी को पीएम बनाने के लिए लगातार वे लामबंदी कर रहे हैं। अब उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति भी आएएसएस के आनुशंगिक संगठन सेवा भारती को दान कर दिया है। लगे हाथ उन्होंने रजिस्ट्री के बाद सपा पर खुलकर हमला भी बोला। अब बीजेपी और आरएसएस के लोग सपा की कमजोरियों का लाभ उठाने के लिए अमर सिंह का इस्तेमाल करना चाहती है। बीजेपी सूत्रों की माने तो अमर सिंह भाजपा में शामिल हो या न हो लेकिन वे काम मोदी के लिए करेंगे। अमर सिंह के साथ जिस तरह का व्यवहार सपा ने किया है उससे पूर्वांचल के सवर्ण नाराज हैं।
बीजेपी चुनाव के दौरान अमर िंसह से वह कहानी बार बार दोहरवायेगी। इससे लोगों की नाराजगी गठबंधन के प्रति बढ़ेगी और वे बीजेपी के साथ जाएंगे। वहीं अमर सिंह का बलराम यादव, दुर्गा प्रसाद यादव से भी छत्तीस का आंकड़ा है। ये नेता जितना अमर सिंह पर निशाना साधेंगे उतना ही बीजेपी को फायदा मिलेगा। सूत्र तो यहां तक मानते हैं कि मोदी को पीएम बनाने के लिए प्रचार अभियान के दौरान वे बीजेपी का मंच भी शेयर कर सकते हैं।
By Ran Vijay singh