मतगणना के लिए प्रत्येक विधानसभावार 14 टेबल लगाई गई है। एक संसदीय क्षेत्र में सभी विधानसभावार की एक-एक वीवीपैट की पर्चियों की गिनती के बाद ही परिणाम घोषित किए जा सकेंगे। वह कौन से बूथ होंगे इसका चयन भी लॉटरी से सिस्टम होगा। एक वीवीपैट की पर्चियों की गिनती में कम से कम आधे घंटे का समय लगेगा। यानी चक्रवार गिनती पूरी होने के बाद लगभग ढाई घंटा न्यूनतम लगना तय माना जा रहा है। तकनीकी दृष्टि से कुछ फंसा तो और विलंब संभव है।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार गणना सही होनी प्राथमिकता है, न कि समय कम लगे। कंट्रोल यूनिट के रिजल्ट और वीवीपैट के पर्चियों के रिजल्ट में अंतर आता है तो वीवीपैट का ही रिजल्ट माना जाएगा। मतगणना के अंतर्गत सबसे पहले पोस्टल बैलेट की काउंटिग की जाएगी। पोस्टल बैलेट की काउंटिग के 30 मिनट के बाद ईवीएम की मतगणना की जाएगी। जिस कंट्रोल यूनिट से मतपत्रों की संख्या प्रदर्शित नहीं हो पाएगी। उस दशा में उस सीयू से संबंधित वीवीपैट की पर्चियां निकालकर मतगणना की जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में लगभग 28 से 29 राउंड में मतगणना संपन्न होगी। इसके बाद ही परिणाम सामने आ सकेगा।
मतगणना के दौरान सहायक रिटर्निंग अफसर चरणवार चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद सुविधा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। यहां से इसे वोटर हेल्पलाइन 1950 के साथ साझा किया जाएगा। मतगणना स्थल के बोर्ड पर डिस्प्ले भी किया जाएगा। आम जनता टोल फ्री नंबर 1950 पर कॉल कर मतगणना की अपडेट जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा वोटर मोबाइल एप पर भी परिणाम देखा जा सकता है। इसके लिए गूगल से अपलोड करना होगा।