बता दें कि बुधवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में अपराह्न 3 बजे जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक होनी थी। इसमें सभी चिकित्साधिकारियों को बुलाया गया था। सभी बैठक में शामिल होने के लिए समय से पहुंचे लेकिन कोई भी एमओआईसी मीटिंग हॉल में नहीं गया।
सूत्रों की माने तो जब समिति के अध्यक्ष/जिलाधिकारी ने बैठक से सभी 22 ब्लॉकों के चिकित्साधिकारियों को गायब देखा तो कारण जानने का प्रयास किया। जब डीएम को पता चला कि चिकित्साधिकारी त्याग पत्र देगे तो वे बैठक की जिम्मेदारी सीएमओ डॉ. रवींद्र कुमार को देकर कहीं चले गए। चिकित्साधिकारी डीएम के वापस लौटने अथवा सीएमओ के मीटिंग से बाहर निकलने का इंतजार करते रहे। देर शाम सीएम निकले तो यह कहकर चले गए कि जरूरी काम से जा रहे है और अभी डीएम के साथ आएंगे तब वार्ता करेंगे लेकिन देर शाम तक कोई अधिकारी नहीं लौटा।
चिकित्साधिकारी कलेक्ट्रेट में खड़े उनका इंतजार करते रहे। पल्हनी एमओआईसी अरविंद चौधरी, तरवां देवेंद्र सिंह व प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारी डॉ. धनंजय पांडेय के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पहुंचे चिकित्साधिकारियों ने आरोप लगाया कि वे अपनी जिम्मेदाररियों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। चिकित्सा के साथ ही वे अन्य राजकीय दायित्वों को पूरी ईमानदारी से पूरा करते हैं इसके बावजूद सीएमओ और उनके कार्यालय से उनके उपर अनुचित और गैर संबैधानिक दबाव बनाया जा रहा है। इससे सभी अधीक्षक/ प्रभारी चिकित्साधिकारी न सिर्फ प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं बल्कि मानसिक तनाव से पीड़ित हैं। मानसिक उत्पीड़न के चलते हम चिकित्सकीय, पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पा रहे है। जिसके कारण हम सभी अधीक्षक/ प्रभारी पद से सामुहिक त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने डीएम और सीएमओ से अस्पतालों में वैकल्पि व्यवस्था करने की मांग की। डीएम से मिलने के लिए अब भी कलेक्ट्रेट पर ही जमे हुए हैं।
BY- RANVIJAY SINGH