भगवान भगवान श्री राम की मंदिर ही नहीं अब प्रतिमा लगाने को लेकर भी कोर्ट के फैसले का इंतजार है दरसल मूर्ति के लिए जमीन अधिग्रहण करने गई जिला प्रशासन की टीम को पहले ही स्थानीय लोगों ने वापस कर दिया था।लोगों की मांग है कि सरकार उन्हें जमीन का उचित मुआवजा नहीं दे रही है। उचित मुआवजा के साथ साथ इसकी जगह अलग फ्री में जमीन और जिनके मकान है उसकी जगह उन्हें प्रथम श्रेणी के मकान दिए जाएं इसमें सरयू किनारे 222 लोगों की 28.2864 हेक्टयर भूमि ली जानी है। इसमें 65 भवन व 5 मदिरों के अधिग्रहण का भी प्रस्ताव है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में ग्रहण लगता नजर आ रहाा है। जिला प्रशासन की टीम विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्री राम की प्रतिमा के लिए जमीन अधिग्रहण कर रही है। पर्यटन विभाग ने अयोध्या में सरयू किनारे भगवान श्रीराम की 221 मीटर ऊंची मूर्ति लगाने के लिए 200 करोड़ का बजट प्रस्ताव कर दिया है। प्रस्तावित मूर्ति की स्थापना के लिए करीब 222 लोगों की 265 गाटा संख्या से 28.2864 हेक्टेयर भूमि क्रय की जानी है। सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 38 करोड़ 6 लाख आंकी गई है, लेकिन नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना देने की व्यवस्था है। स्थानीय ग्रामीण सरकार की मुआबजे से संतुष्ट नहीं है। जिसको लेकर जिला प्रशासन के जमीन अभियान के खिलाफ राम घाट कॉलोनी के 65 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है जिसकी सुनवाई 15 जुलाई को होनी है।