सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या में मंदिर मस्जिद समझौते की पहल शुरू हो गई है। यह पहल बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब और मोहम्मद उमर के साथ श्री श्री रविशंकर के बीच शुरू होगी है। हाजी महबूब के आवास पर बैठक को लेकर हाजी महबूब व मोहम्मद उमर के साथ मुस्लिम उलेमा के मौलानाओं ने पत्र के माध्यम से श्री श्री रविशंकर के प्रयासों की सराहना करते हुए साथ खड़े होने की बात कही है। यह पत्र श्री श्री रविशंकर के प्रतिनिधि गौतम बुद्ध के माध्यम से भेजा जाने के लिए सौंपा। यह पत्र हाजी महबूब के लेटर पैड पर पत्र में लिखा है केे श्री श्री रविशंकर के अयोध्या मुद्दे को आपसी भाईचारे से हल करने के प्रयासों से हम भलीभांति परिचित है। हमारा मानना है कि अयोध्या मुद्दे का अदालत से बाहर किया गया फैसला हिंदू और मुसलमानों के बीच एक लंबे समय तक शांति सौहार्द कायम कर सकता है। हम उनके प्रयासों की प्रशंसा करते हैं और पूर्ण रूप से उनका समर्थन करते हैं।
इस बैठक के बाद हाजी महबूब पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि श्री श्री रविशंकर से कुछ दिन पहले बात हुई है इनके ख्यालात अच्छे लगे हैं वह एक अछे इन्सान भी हैं इसलिए इनके बात से लगा कि इस पर पहल किया जाये तो बुरा नहीं हैं मई भी चाहता हूँ की मुल्क को बर्बादी से बचना हैं यह सुलह जरुरी हैं आज सुप्रीम कोर्ट चल रही सुनवाई पर कब फैसला करता हैं यह उसके ऊपर हैं क्योकि यह हिंदुस्तान की सबसे बड़ी आदालत हैं जिसकी न बुराई कर सकते हैं न अच्छाई और रही बात सुनवाई की तो यह कब तक टाला जाएगा नहीं कहा जा सकता हैं और अगर सही उद्देश्य से कार्य किया जाएगा तो हम सभी मुसलमान श्री श्री रवि शंकर के साथ हूँ तथ्य अपने आप को पक्षकार बाताते हुए कहा कि इस अयोध्या में जितने पक्षकार है सभी उनका साथ देंगे और हमें उम्मीद हैं यह समझौते से ही हल निकल सकता हैं.
श्री श्री रविशंकर के प्रतिनिधि गौतम बुद्धने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हर कदम देश की बेहतर कार्य योजना के लिए होता है मगर कोर्ट दो दिलों को एक साथ नहीं ला पाता हैं इसलिए गुरुदेव का यह मानना है कि कोर्ट से बाहर बातचीत कर इस मसले का हल होगा तो उसमें एक लंबे समय तक जो दो बड़े समुदाय है देश के हिंदू और मुसलमान के बीच में अमन शांति लम्बे समय तक कायम हो पाएगी. उसी कड़ी में आज एक स्वागत योग्य कदम हाजी महबूब साहब का और मोहम्मद उमर साहब का सहरानीय कदम है कि बातचीत के लिए राजी है और उसका स्वागत करते हैं यह एक सकारात्मक प्रयास है जिसमें सबको जुड़ना चाहिए और बातचीत से देश का हिंदुओं का मुसलमानों का एक-एक सम्मान और एक आपस में एक लंबे समय तक सौहार्द बने उसी दिशा में हम सभी कार्यरत हैं .