राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर सुचिता चतुर्वेदी से बच्चों ने बताया कि बिहार के अररिया जिले के गांव करहरा के रहने वाले शबे नूर उर्फ मामू दिल्ली, मुंबई, सहारनपुर, हैदराबाद, औरंगाबाद सहित अलग-अलग मदरसों में भेजता है। इसके बदले उसे अच्छे खासे पैसे मिलते हैं। बच्चों से भरी बस को अयोध्या प्रशासन ने रोका, तथा बाल संरक्षण आयोग की पहल पर बच्चों को मुक्त कराया गया है। सभी बच्चों को लखनऊ के एक शरणालय में रखा गया है। बच्चों के माता-पिता पहुंच रहे हैं। उनसे हलफनामा लेने के बाद उन्हें बच्चों को सौंप दिया जाएगा।अयोध्या सीओ शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के सरकारी आश्रय गृह में ले जाया गया। उनके माता-पिता को अपने बच्चों की पहचान करने के लिए आश्रय गृह पहुंचने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को मानव तस्करी की किसी भी संभावना के लिए जांच करने के लिए किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक कुछ बच्चों का सत्यापन कर लिया गया है। वहीं कुछ बच्चों का सत्यापन किया जा रहा है।