केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को विशेष कर प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए आशा बहुओं को तैनात किया है। इसका मकसद महिलाओं को ऐसे समय मे खून की कमी और अच्छे उपचार न मिलने के कारण जच्चा-बच्चा को आकस्मिक मौत से बचाना है। इस मृत्यु दर को रोकने के लिए सरकार ने आशा बहुओं को नियुक्त किया, जिन्हें प्रति लाभार्थी के हिसाब से पारश्रमिक भी दिया जाता है।
क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि अछल्दा स्थित समुदायिक स्वास्थ केन्द्र क्षेत्र के ग्राम गुनोली निवासी नवादा बेगम को बुधवार देर शाम प्रसव पीड़ा होने के बाद गांव की आशा बहू सीएचसी पर लेकर पहुंची थी। उपचार के बाद डॉक्टरों ने महिला की हालत गम्भीर होने पर जिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया, लेकिन आशा बहू अपने कमीशन के चक्कर में उक्त महिला को जिला अस्पताल न ले जाकर कस्बा के नेविलगंज में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले गयी।
बताते चलें कि अछल्दा स्थित समुदायिक स्वास्थ केन्द्र क्षेत्र के ग्राम गुनोली निवासी नवादा बेगम को बुधवार देर शाम प्रसव पीड़ा होने के बाद गांव की आशा बहू सीएचसी पर लेकर पहुंची थी। उपचार के बाद डॉक्टरों ने महिला की हालत गम्भीर होने पर जिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया, लेकिन आशा बहू अपने कमीशन के चक्कर में उक्त महिला को जिला अस्पताल न ले जाकर कस्बा के नेविलगंज में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले गयी।
आशा बहू को रंगे हाथ पकड़ा
मामले की जानकारी सीएचसी प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ वर्मा को हुई तो वह प्राइवेट नर्सिंग होम पर पहुंच गये, जहां उन्होंने आशा बहू को डिलीवरी करवाते हुये पकड़ लिया। इसकी जानकारी सीएचसी प्रभारी ने अपने विभागीय अधिकारियों के साथ ही उपजिलाधिकारी बिधूना प्रवेन्द्र कुमार को भी दी थी।
मामले की जानकारी सीएचसी प्रभारी डॉ. सिद्धार्थ वर्मा को हुई तो वह प्राइवेट नर्सिंग होम पर पहुंच गये, जहां उन्होंने आशा बहू को डिलीवरी करवाते हुये पकड़ लिया। इसकी जानकारी सीएचसी प्रभारी ने अपने विभागीय अधिकारियों के साथ ही उपजिलाधिकारी बिधूना प्रवेन्द्र कुमार को भी दी थी।
सब कमीशन का खेल
एडिशनल सीएमओ डॉ. शशिबाला ने बुधवार दोपहर में केन्द्र पर पहुंचकर लगभग 1 घण्टे रुकीं। उन्होंने चिकित्सकों से जानकारी हासिल कर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि सीएमओ को जांच रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। डॉ. का कहना है कि कमीशन के चक्कर में संस्थागत प्रसव कम होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाया जायेगा।
एडिशनल सीएमओ डॉ. शशिबाला ने बुधवार दोपहर में केन्द्र पर पहुंचकर लगभग 1 घण्टे रुकीं। उन्होंने चिकित्सकों से जानकारी हासिल कर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि सीएमओ को जांच रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। डॉ. का कहना है कि कमीशन के चक्कर में संस्थागत प्रसव कम होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाया जायेगा।
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