scriptजिंदा को मृत बता लाभ लेने की जुगत | Trying to take advantage to tell the dead alive | Patrika News

जिंदा को मृत बता लाभ लेने की जुगत

locationहनुमानगढ़ कार्यालयPublished: Nov 02, 2015 05:00:00 pm

Submitted by:

suresh mishra

हर्राचंदेल व बूढ़ाडांड पंचायत की आईडी से मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी,दस्तावेजों के सत्यापन में सामने आए छह प्रकरण

वेदमणि द्विवेदी.सिंगरौली
देवसर जनपद पंचायत में शनिवार को दस्तावेज सत्यापन के दौरान अजीबो-गरीब फर्जीवाड़ा सामने आया है। जानकारी लगने पर सीईओ सहित अन्य अधिकारी भी दंग रह गए।
दरअसल, शनिवार को अंत्योष्टी की राशि जारी करने के लिए हितग्राहियों द्वारा दिए गए आवेदनों की जांच चल रही थी। तभी, दर्जनभर ऐसे आवेदन मिले, जो जीवित हैं और उनके मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर अंत्येष्टि की राशि के लिए आवेदन किया गया है। एक के बाद एक करीब छह ऐसे आवेदन मिले जो जीवित हैं और पंचायत से उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया गया है और उनके नाम पर अंत्येष्टि की राशि के लिए आवेदन किया गया है। इस पूरे फर्जीवाड़े में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की गड़बड़ी बताई जा रही है। ऐसा इसलिए की बिना इनकी सह के मृत्यू प्रमाण-पत्र नहीं बन सकता। पंचायत के आईडी केवल इन्हीं के पास होती है। बूढ़ाडंाड पंचायत में इस तरह का एक मामला सामने आया है, जबकि हर्राचंदेल में एक के बाद एक पांच मामले सामने आए। जिसके बाद सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी ने हर्राचंदेल के रोजगार सहायक आलोक द्विवेदी एवं बूढ़ाडंाड के सचिव विजयबहादुर बैगा को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है और थाने में एफआईआर के लिए लिखा है।

पंचायत की आईडी से बना प्रमाण पत्र

मृत्यु प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत जारी करती है। हर पंचायत की अलग-अलग आईडी होती है। जो सचिव और रोजगार सहायक के पास ही होती है। ऐसे में फर्जीवाड़े की आशंका भी पंचायत सचिव व रोजगार सहायक पर ही जताई जाती है। बिना पंचायत सचिव के सह के ऐसा नहीं हो सकता।

केस-1


बल्देव पत्नी सुनीता निवासी हर्राचंदेलन के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया और अंत्येष्टि की राशि के लिए जनपद पंचायत में आवेदन कर दिया। जबकि बल्देव को इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं थी।

केस-2

आनंद वर्मा निवासी हर्राचंदेल के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया और फिर अंत्येष्टि की राशि के लिए जनपद पंचायत में आवेदन किया गया। जबकि आनंद वर्मा को इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं थी।
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