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संयुक्त राष्ट्र: यमन जीता जागता नरक बना, कुपोषण और बीमारियों से हर साल मर रहे हजारों बच्चे

Published: Nov 05, 2018 08:12:30 am

Submitted by:

Mohit Saxena

संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ में दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक गीर्ट कैप्लेयर ने संघर्षविराम पर राजी होने का आह्वान किया

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संयुक्त राष्ट्र: यमन जीता जागता नरक बना, कुपोषण और बीमारियों से हर साल मर रहे हजारों बच्चे

अम्मान। संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि युद्धग्रस्त यमन बच्चों के लिए जीता-जागता नरक बन गया है। यहां हर साल हजारों बच्चे कुपोषण और उन बीमारियों से मर रहे हैं, जिनका आसानी से इलाज किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ में दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक गीर्ट कैप्लेयर ने इस महीने के आखिर में होने वाली शांति वार्ता में शामिल होने और संघर्षविराम पर राजी होने का आह्वान किया। गौरतलब है कि यमन में हौथी विद्रोहियों और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच युद्ध के चलते देश में हालात बदतर होते जा रहे हैं। पत्रकार जमाल खशोगी की मौत के बाद सऊदी अरब से पश्चिमी देशों का समर्थन घटा है। इसके बाद उस पर यमन की लड़ाई से पीछे हटने का बहुत दबाव है। हाल ही में संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन ने यमन में संघर्ष को लेकर विराम की मांग की।
यमन: भुखमरी पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचने वाली बच्ची अमल हुसैन की मौत

18 लाख बच्चे भयंकर रूप से कुपोषित

गीर्ट कैप्लेयर ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में मीडिया को बताया कि यमन समय बेहद बदतर हालत से गुजर रहा है। खासकर यह बच्चों के लिए नरक बन चुका है। उन्होंने बताया कि यह आंकड़े एक चेतावनी है कि स्थिति कितनी गंभीर हो चुकी है। यूनिसेफ के मुताबिक, यमन में पांच साल से नीचे की उम्र के करीब 18 लाख बच्चे भयंकर रूप से कुपोषण से ग्रस्त हैं,उनमें से गंभीर रूप से प्रभावित चार लाख बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। यमन में हर एक साल 30,000 बच्चों की जान कुपोषण की वजह से चली जाती है जबकि हर एक 10 मिनट में एक बच्चे की मौत उन बीमारियों से हो जाती है, जिनका इलाज आसानी से किया जा सकता है।
30 दिनों के भीतर युद्ध विराम प्रभावी हो

रक्षा सचिव जिम मैटिस ने पिछले दिनों कहा था कि 30 दिनों के भीतर युद्ध विराम होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यमन में आपातकालीन खाद्यान आपूर्ति पर निर्भरता जल्द ही आठ मिलियन से चौदह मिलियन हो सकती है। खाद्य पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतों में बढ़ोतरी ने लाखों लोगों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है।
भुखमरी से सात साल की बच्ची की मौत

हाल ही में भुखमरी पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचने वाली बच्ची अमल हुसैन की मौत हो गई। यह बच्ची बेहद कमजोर पड़ चुकी थी। इस बच्ची की तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हो गई। यमन में सऊदी हवाई हमलों ने अमल के परिवार को तीन साल पहले पहाड़ों में अपने घर से भागने पर मजबूर कर दिया था। अमल हुसैन की बीमार मां ने उसकी मौत के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका दिल टूट गया है। आखिर भूख से लड़ते लड़ते उनकी बच्ची ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। हाल आई उसकी तस्वीर में भूख की वजह तड़प रही बच्ची के शरीर ने सबको हिला कर रख दिया था। इस कदर कमजोर हो गई थी उसके शरीर की एक-एक हड्डी दिखाई दे रही थी। पिछले हफ्ते मीडिया में आई खबर के बाद दुनिया भर से इस लड़की के लिए सहायता की पेशकश की गई ।
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