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xi jinping: पिता को पार्टी ने निकाला, फिर भेजा जेल, आज बेटा है देश का शीर्ष नेता

locationनई दिल्लीPublished: Oct 18, 2017 07:32:33 pm

शी जिनपिंग 2012 में कम्यूनिस्ट पार्टी के सबसे अहम पद पर पहुंचे थे। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उनके पिता को पार्टी से बाहर निकाल दिया था।

China's communist party conference begins, Jinping remains president

xi jinping

बीजिंग। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की 19वीं कांग्रेस शुरू हो गई है और इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि शी जिनपिंग एक बार फिर पांच साल के पार्टी के शीर्ष नेता चुने जाएंगे। वे पहली बार 2012 में कम्यूनिस्ट पार्टी के सबसे अहम पद पर पहुंचे थे। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पिता को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। बाद में उन्हें जेल भी भेजा गया। इस दौरान शी जिनपिंग का जीवन मुश्किलों से भरा हुआ था।
60 के दशक में चैयरमेन माओ के कार्यकाल के दौरान जिनपिंग के पिता शी झोंगशुन को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। 1968 की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान उन्हें जेल भेज दिया गया। उस वक्त शी जिनपिंग की उम्र महज 15 साल थी। आठवें दशक के अंत में जिनपिंग के पिता की पार्टी में वापसी हुई। इसके बाद पिता की मदद से शी भी पार्टी में तेजी से आगे बढ़े।
ऐसे चुने जाएंगे शी जिनपिंग राष्ट्रपति पद पर
मौजूदा कांग्रेस में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी यानी सीपीसी के 2,287 प्रतिनिधि हिस्सेदारी कर रहे हैं। हालांकि कुल प्रतिनिधियों की संख्या 2300 है। 13 प्रतिनिधियों को कांग्रेस के अयोग्य ठहराया गया है। सबसे पहले पार्टी केंद्रीय कमेटी का चुनाव करेगी। इसमें करीब 200 होंगे। यह केंद्रीय कमेटी पोलित ब्यूरो के सदस्य चुनेगी। फिलहाल पोलित ब्यूरो में 24 सदस्य हैं। इन्हें बढ़ाया या घटाया जा सकता है। पोलित ब्यूरो की जिम्मेदारी होगी कि वह स्थायी समिति का चयन करे। स्थायी समिति में अभी सात सदस्य है। इनकी संख्या कम ज्यादा हो सकती है। पोलित ब्यूरो और स्थायी समिति मिलकर पार्टी के शीर्ष नेता का चयन करेंगी।
3.5 घंटे का भाषण
शी जिनपिंग ने कांग्रेस की शुरुआत में 3.5 घंटे का भाषण दिया। यह 2012 में दिए गए उनके भाषण से दोगुना ज्यादा लंबा था। इस दौरान जिनपिंग ने अपने पहले कार्यकाल की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद ने एक नए युग में प्रवेश किया है। चीन का समाजवादी लोकतंत्र, लोगों के मूलभूत हितों की रक्षा के लिए सबसे व्यापक, सबसे वास्तविक और सबसे प्रभावी लोकतंत्र है।
पार्टी कार्यकर्ताओं से नियति साझा करने का आह्वान
उन्होंने पार्टी के सदस्यों से लोगों के साथ हमेशा अपनी नियति को साझा करने और लोगों के दिमाग में बेहतर जिंदगी की सोच स्थापित करने का आह्वान किया। जिनपिंग ने पार्टी के अंदर बड़े स्तर पर फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मिली सफलता के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि करीब दस लाख से ज्यादा अधिकारियों को दंडित किया गया है।
बचपन गुजरा संघर्ष में
जिनपिंग का दूसरी बार राष्ट्रपति बनना तय है। उनका बचपन काफी संघर्ष में गुजरा है। 1968 में चेयरमैन माओ ने युवाओं को शहर से बाहर कर दिया था और गावों में जाकर जिंदगी की मुश्किलों को समझने की सीख दी थी। इस दौरान जिनपिंग ने बहुत कुछ सीखा।
लोगों से जुड़ाव ने बनाया महान
राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में जिनपिंग खुद को जनता के करीब लाए। उन्होंने गरीबों के घर जाकर उनसे बात की, छात्रों से मुलाकातें कीं, कार्यक्रमों के दौरान वे खाना खाने की कतारों में आम कार्यकर्ता और सामान्य इंसान की तरह की खड़े होते रहे हैं। इससे उन्होंने चीन में खासी लोकप्रियता हासिल की है।
चीनी जीवनशैली को देते हैं तरजीह
शी जिनपिंग ने पार्टी नेताओं के कार्यालय से लेकर बर्तनों की संख्या तक कई कड़े नियम बनाएं हैं। वे अक्सर नागरिकों को चीन के जीवन मूल्य अपनाने की सलाह देते हैं और पश्चिमी सोच के असर में न आने को कहते हैं। जिनपिंग का कहना है- अगर हम दूसरों की नकल करेंगे, तो अपनी पहचान खो बैठेंगे।
आंदोलनों को करते हैं सख्त नापसंद
जिनपिंग के कार्यकाल में मुसलमान, ईसाई, मजदूर कार्यकर्ताओं से ब्लॉगर, पत्रकार आदि कई लोगों को जेल भेजा गया है। वे समस्याओं के लिए आंदोलन करने को सख्त नापसंद करते हैं। सरकार और पार्टी के खिलाफ बोलने वालों को वे कतई बर्दाश्त नहीं करते।
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