असम: ‘चमत्कारी चुंबन’ से महिलाओं का करता था इलाज का दावा, पुलिस ने गिरफ्तार किया ‘किसिंग बाबा’ भारत सहित कई देश ले रहे हैं हिस्सा इस सम्मलेन के प्रमुख वक्ताओं में श्रीलंका के प्रधान मंत्री रानिल विक्रमेसिंघे, वियतनाम के उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री फाम बिहान मिन्ह, नेपाल के उप प्रधान मंत्री और स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री उपेंद्र यादव और सिंगापुर के विदेश मामलों के मंत्री विवियन बालकृष्णन शामिल होंगे। भारतीय और विदेशी थिंक टैंक के कई प्रतिनिधि भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत की ओर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 27 अगस्त को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी।
ये होंगे सम्मेलन के मुख्य बिंदु इस वर्ष हिंद महासागर सम्मेलन सदस्य देशों के बीच बेहतर सामरिक सहयोग और बेहतर शासन की कार्ययोजना पर जोर देगा। यह सम्मेलन देशों के आर्थिक और रणनीतिक महत्व पर एक दूसरे के नज़दीक आने और बेहतर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
इससे पहले हिन्द महासागर सम्मलेन 2016 सिंगापुर और 2017 में श्रीलंका में आयोजित किया गया था। सिंगापुर, बांग्लादेश और श्रीलंका आदि भागीदारों के साथ भारतीय फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम राज्य के नेताओं, राजनयिकों और नौकरशाहों को एक छत के नीचे लाने के लिए एक पहल है ताकि एक दूसरे के बीच समझ को मजबूत किया जा सके।
रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमरीकी प्रतिबंधों के असर को कम करेंगे भारत-रूस बता दें कि हिन्द महासागर रणनीतिक रूप से एक बेहद जटिल क्षेत्र है, लेकिन विश्व की तरक्की में क्षेत्र का योगदान अहम है। इसके पानी से हर साल एक लाख से ज्यादा जहाज गुजरते हैं। हिन्द महासागर से मिलती भारत की समुद्री सीमा 75 सौ किमी लंबी है। भारत का 90 फीसदी व्यापार हिन्द महासागर के जरिये ही होता है।