सरकारी संस्थानों के खिलाफ बोलने पर FIR
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोहराब गोथ में आयोजित हुए रैली के दौरान इसमें शामिल हुए पीटीएम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘सरकारी संस्थानों के खिलाफ अनुचित भाषा’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से सोहराब गोथ के थाना प्रभारी राव जाकिर के सामने ये मामला दर्ज कराया गया। एफआईआर में कहा गया कि ‘मंज़ूर पश्तीन से मिले निर्देशों के मुताबिक एक मैदान में ‘पीटीएम’ की रैली का आयोजन हुआ था। इसके बाद जब शिकायतकर्ता थानाप्रभारी ने वहां पहुंचकर इलाके के ‘पीटीएम’ अध्यक्ष नौरजे तारीन से रैली की अनुमति वाले दस्तावेज दिखाने को कहा तो वह बौखला गए। इसके बाद उसने आधिकारिक कार्यों में रूकावट पैदा करने की कोशिश की और पुलिस समेत सरकारी संस्थानों के खिलाफ नारे भी लगाए।’
250 से 300 लोगों के खिलाफ केस
पुलिस ने दावा किया कि थानाप्रभारी की बात न मानने के बाद आयोजकों ने वहां गंभीर भय और अराजकता का माहौल बनाया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने मामले में पाकिस्तान दंड संहिता और 7-एटीए (आतंकवाद रोधी कानून) के तहत 250 से 300 लोगों के खिलाफ केस किया है। इसमें 16 लोगों के नाम दर्ज हुए हैं।
‘पीटीएम’ के शीर्ष ने नेता ने की रिहाई की मांग
आपको बता दें कि ‘पीटीएम’ खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में मौजूद पश्तून मानवाधिकारों के लिए संघर्ष करने वाला एक सामाजिक आंदोलन है। ‘पीटीएम’ के शीर्ष नेता मोहसिन डावर ने एक ट्वीट में गिरफ्तारी और उसके बाद आलमजेब महसूद के गुमशुदगी की घटना की निंदा की। उन्होंने इन सभी के तत्काल रिहाई की मांग की है।